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बाजार में 4% करेक्शन कोई बड़ी बात नहीं, बुल मार्केट में 10-15% करेक्शन मुमकिन, चीन से नहीं कोई डर – राधिका गुप्ता

बाजार में बिकवाली का दबाव हावी रहा। सेंसेक्स,निफ्टी लगातार 5वें दिन गिरावट पर बंद हुए हैं। IT को छोड़ BSE के सभी सेक्टर इंडेक्स फिसले हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली रही है। रियल्टी, FMCG और ऑटो इंडेक्स सबसे ज्यादा गिरे हैं। एनर्जी, और फार्मा शेयरों पर भी दबाव रहा है। सेंसेक्स 809 अंक गिरकर 81,688 पर बंद हुआ है। निफ्टी 236 अंक गिरकर 25,015 पर बंद हुआ है। निफ्टी बैंक 383 अंक गिरकर 51,462 पर बंद हुआ है।

विदेशी निवेशकों की तरफ से होने वाली भारी बिकवाली से बाजार में दबाव बढ़ रहा है। पिछले तीन दिनों में कैश मार्केट में एफआईआई ने 30,614 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली की है। एफआईआई महंगे भारतीय बजार से पैसे निकाल कर सस्ते हांगकांग के बाजार में पैसा लगा रहे हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि चीनी सरकार द्वारा लागू किए जा रहे मॉनीटरी और फिस्कल प्रोत्साहन उपायों से चीनी की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा और चाइनीज कंपनियों की अर्निंग्स में सुधार होगा।

भारत में FIIs की अचानक आई तेज बिकवाली की वजह कहीं चीन तो नहीं है? क्या FIIs अब फिर चीन की तरफ मूड रहे हैं? इस पर बातचीत करने के लिए आज सीएनबीसी-आवाज के साथ रहीं एडेलवाइस AMC की MD & CEO राधिका गुप्ता। यहां हम आपके लिए इस बातचीत का संक्षिप्त अंश दे रहे हैं।

पिछले 4 ट्रेडिंग सेशन में FII की तरफ से भारी बिकवाली देखने को मिल रही है। क्या ये सिलसिला आगे भी दिख सकता है? निफ्टी पीक से 4 फीसदी करेक्ट हुआ है ….तो क्या ये मुनाफावसूली और मंदी की शुरुआत हो सकती है?

इस सवाल का जवाब देते हुए राधिका ने कहा कि बाजार में 4 फीसदी करेक्शन बड़ी बात नहीं है। बुल मार्केट में 10-15 फीसदी करेक्शन आ सकता है। 3-4 दिन से भारत समेत इमर्जिंग देशों में गिरावट देखने को मिल रही है। जियो पॉलिटिकल टेंशन से बाजारों में गिरावट आई है। भारतीय बाजारों में करेक्शन बड़ा नहीं रहेगा। अर्निंग ग्रोथ और घरेलू फ्लो से बाजार को बड़ा सपोर्ट रहेगा।

क्या FII को दूसरे मार्केट ज्यादा आकर्षित कर रहे हैं…क्या FII फ्लो के लिहाज से चाइना से हमें बड़ी टक्कर मिल सकती है?

इसके जवाब में राधिका गुप्ता ने कहा कि इमर्जिंग मार्केट में चीन और भारत में सबसे ज्यादा फ्लो देखने को मिल रहा है। चीनी मार्केट के वैल्युएशन भारत के मुकाबले सस्ते हैं। लेकिन भारत के मुकाबले चीन में ग्रोथ कम है। भारत के वैल्युएशन महंगे हैं लेकिन यहां ग्रोथ और स्थिरता है। चीन में वैल्युएशन तो सस्ते हैं लेकिन अनिश्चितता बरकरार है। भारतीय मार्केट में घरेलू फ्लो काफी मजबूत है।FIIs फ्लो अभी भारत में ज्यादा आए ही नहीं है। आगे इनका फ्लो बढ़ता दिखेगा।

चीन फंड में काफी एक्शन दिख रहा है ….क्या ये लंबी अवधि के बदलाव को लेकर कोई कदम है… पहले भी ऐसी स्थितियां देखने को मिली हैं…पर ये पहले से कितना अलग है?

इसके जवाब में राधिका ने कहा कि पिछले 3-4 दिन से चीन फंड में काफी एक्शन है। 5-10 साल के लिए ही चीन में निवेश अच्छा है। चीन दुनिया की दूसरी बड़ी इकोनॉमी है। चीन का घरेलू मार्केट काफी मजबूत है। स्टिमुलस पैकेज से कंज्म्पशन को ग्रोथ मिलेगी। चीन में रियल्टी सेक्टर को बड़ा पुश देनें की कोशिश हो रही है। चीन की इकोनॉमी में रियल्टी का बड़ा योगदान है। चीन में इक्विटी मार्केट में स्थिरता लाने की कोशिश हो रही है।

डिस्क्लेमर: stock market news पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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