हरियाणा के पंचकुला के डीएलएफ वैली में रहने वाले रिटायर ब्रिगेडियर महेंद्र सिंह को यह बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि वह एक बड़ी धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। उन्हें व्हाट्सएप पर एक मैसेज मिला जिसमें शेयर बाजार में निवेश से जुड़े टिप्स दिए गए थे। मैसेज में एक लिंक भी था जिससे उन्हें एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा गया था। ऐप डाउनलोड करने के बाद यह कहा गया था कि शेयर बाजार से अतिरिक्त आय कमाई जा सकती है।
महेंद्र सिंह ने इस मैसेज पर विश्वास करते हुए ऐप डाउनलोड किया और शुरुआती निवेश के तौर पर 1 करोड़ रुपये से अधिक (लगभग 1,25,000 USD) का निवेश किया। बाद में उनकी पत्नी ने भी इसमें निवेश किया और दोनों ने कुल 4.2 करोड़ रुपये (लगभग 5,30,000 USD) निवेश किए। कुछ समय तक सब ठीक चला और उन्हें निरंतर अपडेट मिलते रहे।
समस्या तब शुरू हुई जब ब्रिगेडियर ने अपना पैसा निकालना चाहा। तब धोखेबाजों ने 65 लाख रुपये (लगभग 81,250 USD) का कमीशन मांगा, जिससे उन्हें यह समझ आया कि वे धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं। इसके बाद उन्होंने हरियाणा साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई
शिकायत मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि यह एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी का हिस्सा है। रिपोर्ट के अनुसार इस जटिल धोखाधड़ी के मुख्य सरगना अमेरिका और ब्रिटेन में स्थित हैं। यह गिरोह भारत की टियर 3 और गांवों के लोगों के बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर रहा था और फिर वहां से उसे अपने पास मंगवाते थे। इसके लिए वे खाताधारकों को हर 1 लाख रुपये पर 4,000 से 10,000 रुपये तक का कमीशन देते थे।
इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनकी पहचान मनप्रीत सिंह और कर्नैल सिंह के रूप में हुई है। ये दोनों भारत-पाकिस्तान सीमा के गांवों के निवासी हैं और चार दिन की पुलिस रिमांड पर हैं। इससे पहले चार अन्य संदिग्धों को भी जेल भेजा जा चुका है। ऐसे में लोगों को अज्ञात मैसेज या कॉल से सावधान रहें, खासकर जब वे वित्तीय सलाह से संबंधित हों। किसी भी लिंक पर क्लिक करने या ऐप डाउनलोड करने से पहले सोर्स की प्रामाणिकता की जांच जरूर करें। इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहना बेहद आवश्यक है।