मार्केट एक्सपर्ट एड्रियन मोवात ने 3 अक्टूबर को इंडियन स्टॉक मार्केट में कत्लेआम के बीच एक बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि विदेशी फंड मैनेजर्स चीन के स्टॉक मार्केट्स में निवेश बढ़ाने के लिए इंडियन मार्केट्स में बिकवाली कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब तक फॉरेन फंड मैनेजर्स को इंडियन मार्केट्स में मुनाफा दिखता रहा है। उन्हें चीन के मार्केट के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद पहले नहीं दिख रही थी। 3 अक्टूबर को इंडियन मार्केट में आई गिरावट के बारे में उन्होंने कहा कि यह ‘पावरफुल बुल मार्केट’ में हल्का करेक्शन है।
चीन के मार्केट को लेकर फंड मैनेजर्स की सोच बदली
सीएनबीसी-टीवी18 से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने मार्केट के बारे में कई अहम बातें बताईं। उन्होंने कहा कि एक्टिव फंड मैनेजर्स की पोजिशनिंग के बारे में उनका मानना है कि इंडिया को लेकर वे ओवरवेट रहे हैं। इसकी वजह यह है कि इंडियन मार्केट का प्रदर्शन शानदार रहा है। अगर आप एक्टिव फंड मैनेजर के रूप में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं तो आपके लिए इंडिया में बड़ा निवेश करना जरूरी है। इस दौरान चीन के मार्केट को लेकर उनका अनुमान इसके उलट रहा है। करीब 30 दिन पहले या यहां तक कि 14 दिन पहले चीन के मार्केट को लेकर अंडरेवट सही था।
इंडियन मार्केट्स में 3 अक्टूबर को बड़ी गिरावट
इंडियन मार्केट्स में 3 अक्टूबर को बड़ी गिरावट आई। इससे निवेशकों को करीब 10 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है। निफ्टी अपने पीक से 1000 प्वाइंट्स गिर चुका है। निफ्टी बैंक 11-27 सितंबर के बीच आई पूरी तेजी गंवाता दिख रहा है। जेफरीज के क्रिस वुड ने भी 2 अक्टूबर को इंडिया पर वेटेज एक पर्सेंटेज प्वाइंट घटा दिया था। साथ ही उन्होंने चीन पर वेटेज दो पर्सेंटेज प्वाइंट बढ़ा दिया था। हालांकि, वह लंबे समय से इंडियन मार्केट को लेकर पॉजिटिव रहे हैं। लेकिन, उन्होंने कहा कि इंडिया को लेकर उनका ओवरवेट स्टेंस (रुख) बना रहेगा।
दूसरे एशियाई बाजारों में भी बिकवाली का ट्रेंड
चीन के स्टॉक मार्केट्स में फिर से विदेशी निवेशकी की दिलचस्पी बढ़ती दिख रही है। इस साल की शुरुआत में चीन के मार्केट्स से काफी पैसा निकल गया था। यह पैसा दूसरे उभरते बाजारों और जापान में गया था। यह पैसा फिर से चीन के स्टॉक मार्केट्स में लौट रहा है। ब्लूमबर्ग के डेटा के मुताबिक, पिछले हफ्ते दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड के मार्केट्स से पैसा निकला है। बीएपनी पारिबा एसए के मुताबिक, सितंबर के पहले तीन हफ्तों में जापान के स्टॉक्स एक्सचेंज में 20 अरब डॉलर से ज्यादा की बिकवाली हुई है।