Iran-Israel war: ईरान और इजराइल के बीच छिड़ी जंग का असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा है। इस वजह से गुरुवार को सेंसेक्स 1800 अंक और निफ्टी 550 अंक के करीब टूट गया। इस जंग से भारतीय शेयर बाजार में कम से कम 14 सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर प्रभावित हो गए हैं। इनमें अडानी ग्रुप की कंपनी- अडानी पोर्ट्स भी शामिल है।
कौन-कौन सी कंपनियां मौजूद
दरअसल, अडानी पोर्ट्स इजराइल में हाइफा पोर्ट का मालिक है। वहीं सन फार्मास्युटिकल की इजराइल की टैरो फार्मास्युटिकल में बहुमत हिस्सेदारी है। जेनेरिक दवा निर्माता डॉ. रेड्डीज, ल्यूपिन, खनन कंपनी एनएमडीसी, ज्वैलर्स कल्याण ज्वैलर्स और टाइटन का भी इजरायली कनेक्शन है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), विप्रो, टेक महिंद्रा और इंफोसिस जैसी आईटी प्रमुख कंपनियों के अलावा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) की भी इजराइल में मौजूदगी है। इन सभी कंपनियों के शेयर पर दांव लगाने वाले निवेशक टेंशन में हैं।
क्यों है तनाव
ईरान ने इजराइली हमले में चरमपंथी संगठन हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह और अन्य कमांडरों की मौत के जवाब में इजराइल पर लगभग 200 मिसाइल दागी। दरअसल, अब इजराइल की तरफ से तेल उत्पादक ईरान पर जवाबी कार्रवाई करने की आशंका बढ़ गई है जो इस संघर्ष को बड़ा रूप दे सकता है। इस जंग ने कच्चे तेल के आपूर्ति व्यवधानों के बारे में चिंताओं को बढ़ा दिया है और वैश्विक वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता बढ़ गई है।
भारत के शेयर बाजार पर भी असर
ईरान और इजराइल के बीच छिड़ी जंग की वजह से भारत का शेयर बाजार बुरी तरह क्रैश कर गया। बिकवाली के बीच शेयर बाजार के दो प्रतिशत से अधिक टूट जाने से गुरुवार को निवेशकों के 9.78 लाख करोड़ रुपये डूब गए। बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का संयुक्त मार्केट कैप बड़ी गिरावट के बीच 4.65 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से पैदा हुई चिंता के बीच 1,769.19 अंक यानी 2.10 प्रतिशत गिरकर 82,497.10 अंक पर बंद हुआ। यह शेयर बाजार में गिरावट का लगातार चौथा दिन रहा। इस बड़ी गिरावट के बीच निवेशकों की संपत्ति एक ही दिन में 9,78,778.57 लाख करोड़ रुपये घटकर 4,65,07,685.08 करोड़ रुपये (5.54 लाख करोड़ डॉलर) रह गई।