भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने सोने के बदले कर्ज देने वाली एंटिटी के कामकाज में कई गड़बड़ियां पाई हैं और उनसे अपनी पॉलिसी और पोर्टफोलियो की समीक्षा करने को कहा है। RBI ने आज 30 सितंबर को को इसे लेकर एक सर्कुलर जारी किया और सभी सुपरवाइज्ड एंटिटी से तुरंत एक्शन लेने के लिए कहा है। केंद्रीय बैंक ने लेंडर्स को भेजे एक संदेश में कहा कि प्रुडेंशियल गाइडलाइन के पालन पर हाल ही में की गई समीक्षा में सोने के आभूषणों को गिरवी रखकर दिए जाने वाले लोन के संबंध में कई खामियां सामने आई हैं।
गोल्ड लोन लेंडर्स की इन कमियों पर RBI ने उठाए सवाल
RBI के मुताबिक कर्जों के स्रोत और मूल्यांकन के लिए थर्ड पार्टी के उपयोग में कमियां, ग्राहक की गैर-मौजूदगी में सोने का वैल्यूएशन, अपर्याप्त जांच-पड़ताल और गोल्ड लोन के अंतिम उपयोग पर निगाह रखने में कमी और चूक होने पर सोने के आभूषणों की नीलामी के दौरान पारदर्शिता का अभाव जैसी खामियां पाई गई हैं।
रेटिंग एजेंसी इक्रा के हाल के अध्ययन में कहा गया है कि आरबीआई की तरफ से हाल में उठाए गए कदमों के बावजूद गोल्ड लोन में अच्छी वृद्धि हुई है और मार्च 2025 तक संगठित कर्जदाताओं का पोर्टफोलियो 10 लाख करोड़ रुपये तक हो जाने का अनुमान है।
RBI ने दिए ये निर्देश
आरबीआई ने सोने के बदले कर्ज देने के कारोबार में शामिल सभी एंटिटी को अपनी पॉलिसी और प्रक्रिया की ‘व्यापक समीक्षा’ करने, कमियों की पहचान करने और ‘समयबद्ध तरीके से’ उचित सुधारात्मक उपाय शुरू करने की सलाह दी।
आरबीआई अधिसूचना के मुताबिक यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ‘आउटसोर्स’ की गई गतिविधियों और थर्ड पार्टी के सर्विस प्रोवाइडर्स पर इन एंटिटी का पर्याप्त नियंत्रण हो। इसमें कहा गया है कि गोल्ड लोन देने वाली एंटिटी तीन महीने के भीतर अपनी कार्रवाई के बारे में सूचित कर सकती हैं। इस संबंध में गाइडलाइन का पालन न करने को रिजर्व बैंक गंभीरता से लेगा।