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क्या आपको भी सिर्फ चढ़ने वाले स्टॉक्स दिखते हैं? जानिए शेयरों की दुनिया में सफलता और नाकामी कैसे साथ-साथ चलती हैं

हाल में स्मॉलकैप स्टॉक्स में आई तेजी से इनवेस्टर्स को ऐसा लगता है कि हर स्मॉलकैप स्टॉक एक दिन मल्टी-बैगर बन जाएगा। इस वजह से वे स्मॉलकैप स्टॉक्स पर जमकर दांव लगा रहे हैं। लेकिन, वे गलत समय पर ऐसा कर रहे हैं, क्योंकि तेजी के इस साइकिल पर सर्वाइवरशिप बायस का असर दिख रहा है। सर्वाइवरशिप बायस का मतलब शेयरों के सेलेक्शन में ऐसे पूर्वाग्रह से है, जिसमें सेलेक्शन प्रोसेस के गलत नतीजों की अनदेखी कर दी जाती है। इसमें व्यक्ति सिर्फ सफलता को देखता है, वह असफलता को नजरअंदाज कर देता है। इससे हमें सच्चाई की असल तस्वीर नहीं दिखती।

क्या वाकई लार्जकैप सबसे सुरक्षित हैं?

ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के सीआईओ मिहिर वोरा ने इस बारे में कुछ दिलचस्प डेटा पेश किए हैं। उन्होंने बताया है कि 2014 में 100 लार्जकैप स्टॉक्स थे। इनमें से 17 बाद में मिडकैप कैटेगरी में आ गए। 4 स्मॉलकैप कैटेगरी में आ गए। 1 स्टॉक गिरकर माइक्रोकैप कैटेगरी में आ गया। तब इनवेस्टर्स को ऐसा लग रहा होगा कि लार्जकैप स्टॉक्स निवेश के लिए सबसे सुरक्षित होते हैं। अंदाजा लगाइए उन निवेशकों का जिन्होंने उस लार्जकैप स्टॉक में निवेश किया होगा, जो गिरकर माइक्रोकैप में आ गया।

स्मॉलकैप स्टॉक्स गिरकर माइक्रोकैप बन सकते हैं

2014 में 250 स्मॉलकैप स्टॉक्स थे। इनमें से सिर्फ 3 लार्जकैप बने। 43 मिडकैप बन गए। 93 स्टॉक्स गिरकर माइक्रोकैप स्टॉक्स की कैटेगरी में आ गए थे। आज 250 स्मॉलकैप स्टॉक्स हैं। एक समय इनमें से 4 लार्जकैप थे। 35 मिडकैप स्टॉक्स थे। अच्छी बात यह है कि 99 माइक्रकैप स्टॉक्स थे जो अब स्मॉलकैप स्टॉक्स बन गए हैं। वोरा ने बताया है कि इन आकंड़ों और बीएसई और एनएसई के डेटा में फर्क हो सकता है। यहां मकसद सिर्फ यह बताना है कि सफलता के साथ-साथ नाकामी भी चलती है।

सिर्फ एक स्टॉक ने प्रशांत जैन के पोर्टफोलियो को रौशन किया था

प्रशांत जैन ने बतौर चीफ इनवेस्टमेंट अफसर एचडीएफसी म्यूचुअल फंड छोड़ने के वक्त कुछ मजेदार डेटा पेश किए थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अक्टूबर 2003 से जुलाई 2022 के दौरान तीन फंडों का प्रबंधन किया था। उन्होंने 465 स्टॉक्स में निवेश किया था। इनमें से हर 4 में से एक स्टॉक ने लॉस दिया। 113 स्टॉक्स ने पैसे डुबाए। इनमें से 110 स्टॉक्स सबसे नीचे की दो कैटेगेरी के थे। इनमें से प्रत्येक में 250 करोड़ रुपये का लॉस था। लेकिन, एक स्टॉक में आई तेजी लॉस देने वाले सभी स्टॉक्स के कुल लॉस से ज्यादा थी। जैन को इनवेस्टमेंट की दुनिया में काफी सफल माना जाता है। लेकिन, ज्यादातर लोगों को पता नहीं होगा कि उनके पोर्टफोलियो के शेयरों में भी लॉस हुथा था।

अगर पेरेंट्स ने चढ़नेे वालों की जगह गिरने वाले शेयरों में निवेश किया होता तो?

अक्सर ऐसे लोग मिल जाते हैं जो यह कहते हैं कि पता नहीं उनके मातापिता ने शेयरों में निवेश क्यों नहीं किया। अगर उन्होंने शेयरों में निवेश किया होता तो आज वे लोग बहुत अमीर होते। सवाल है कि अगर मातापिता ने HUL, HDFC, RIL, SBI, ITC, Nestle, Gillette India और 3M में निवेश करने की जगह DSQ Software, Silverline Technologies, NEPC Micon, Scindia Steamships, Hindustan Motors जैसे शेयरों में निवेश किया होता तो? इन शेयरों ने किसी न किसी समय उन्हें काफी दर्द दिया होता।

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