अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड ने 2,930 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वीएफएसआई होल्डिंग्स पीटीई लिमिटेड को अनसिक्योर विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड (एफसीसीबी) जारी करके फंड जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। एफसीसीबी अनसिक्योर होंगे और 10 साल की लंबी मैच्योरिटी अवधि के साथ 5 प्रतिशत प्रति वर्ष का अल्ट्रा-लो कॉस्ट कूपन होगा। इसके साथ ही रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर बोर्ड ने कंपनी के सभी कर्मचारियों के लिए कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओएस) को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत कंपनी 850 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 2.60 करोड़ इक्विटी शेयर प्रोवाइड करेगी, जो इन शेयरों के जारी होने के बाद शेयरों के 5 प्रतिशत के बराबर होंगे।
शेयर में उतार-चढ़ाव
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर की बात करें तो मंगलवार को 1.20% टूटकर 332.15 रुपये पर बंद हुआ। ट्रेडिंग के दौरान यह शेयर 342 रुपये तक पहुंच गया। 24 सितंबर 2024 को शेयर 350.90 रुपये पर बंद हुआ था। यह शेयर के 52 हफ्ते का हाई है।
कंपनी को मिला है निवेश
हाल ही में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने बताया कि कंपनी को प्रमोटर्स से 1,100 करोड़ रुपये और मुंबई की दो निवेश कंपनियों से 1,910 करोड़ रुपये का निवेश मिलने वाला है। बीते दिनों कंपनी के निदेशक मंडल ने 6,000 करोड़ रुपये की फंड जुटाने की योजना को मंजूरी दी। इसमें से 3,014 करोड़ रुपये शेयर के तरजीही आवंटन और 3,000 करोड़ रुपये संस्थागत खरीदारों को शेयर जारी करके जुटाए जाएंगे।
कर्ज कम करने पर फोकस
जिस गति से अनिल अंबानी ने अपनी कंपनियों के कर्ज को चुकाने के लिए कदम उठाया, और साथ ही अपनी कंपनियों के भविष्य के विस्तार के लिए फंड जुटाने की योजनाओं की घोषणा की और उन्हें लागू किया, उसने हर किसी को हैरान कर दिया है। हाल ही में रिलायंस इंफ्रा की सब्सिडयरी रिलायंस पावर की सहायक इकाई रोजा पावर ने सिंगापुर स्थित ऋणदाता वर्दे पार्टनर्स को 850 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया है। कंपनी ने बताया कि रिलायंस पावर के शून्य कर्ज की उपलब्धि के बाद रोजा पावर अब कर्ज मुक्त होने की राह पर है। कंपनी का लक्ष्य अगली तिमाही में अपने शेष कर्ज का निपटान करना है ताकि चालू वित्त वर्ष के अंत से पहले प्रक्रिया पूरी हो सके।