ओमनीसाइंस कैपिटल के विकास गुप्ता का मानना है कि विदेशी निवेशक अभी भी भारत पर काफी अंडरवेट हैं। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि ग्लोबल दर-कटौती चक्र शुरू होने के साथ ही इसमें जल्द ही बदलाव आएगा। उनका कहना है कि जैसे-जैसे दरें घटेंगी भारत जैसे उभरते बाजार निवेशकों के लिए ज़्यादा आकर्षक होते जाते हैं। इसलिए, उन्हें इस दर-कटौती चक्र के दौरान FII प्रवाह में जोरदार बढ़त की उम्मीद है।
इंश्योरेंस सेक्टर पर बात करते हुए ओमनीसाइंस कैपिटल के सीईओ और मुख्य निवेश रणनीतिकार विकास ने कहा कि फिलहाल वे विशुद्ध बीमा कंपनियों में कोई खास निवेश अवसर नहीं देखते हैं। इनमें से कई कंपनियां काफी ज्यादा महंगी नजर आ रही हैं। विकास के पास कैपिटल मार्केट का 20 साल से ज्यादा का अनुभव है।
डिफेंस शेयरों पर बात करते हुए आईआईटी बॉम्बे से बी.टेक और कोलंबिया विश्वविद्यालय से एमएस और डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाले विकास गुप्ता ने कहा कि उन्होंने एनर्जी सिक्योरिटी, स्ट्रेटेजिक मटेरियल (जैसे रेयर अर्थ मेटल), लॉजिस्टिक्स और साइबर वारफेयर जैसे सेक्टरों को शामिल करके डिफेंस सेक्टर में अपने नजरिए का विस्तार किया है।
गतिशक्ति से जुड़े रेलवे शेयरों में निवेश के मौके
रेलवे शेयरों से जुडे़ सवाल का जवाब देते हुए विकास ने कहा कि वे पारंपरिक रेलवे कंपनियों से आगे बढ़कर लॉजिस्टिक्स पर फोकस कर रहे हैं, क्योंकि रेलवे भारत के मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के केंद्र में है। व्यापक गतिशक्ति पहल वह जगह है जहां विकास को लॉन्ग टर्म के नजरिए से निवेश के अवसर दिखते हैं।
क्या अब मेटल सेक्टर से दूर रहने का समय आ गया है?
इसके जवाब में विकास ने कहा कि हम ऐसा रुख नहीं अपनाएंगे। हालांकि शार्ट टर्म में होने वाले उतार-चढ़ाव के कारण इस सेक्टर को लेकर कुछ चिंताएं है। लेकिन लॉन्ग टर्म के विकास अवसरों और लंबी अवधि में आय में बढ़त की संभावनाओं पर ध्यान देना जरूरी है। हम आय या फ्री कैश फ्लो के आधार पर किसी कंपनी के आंतरिक मूल्य का मूल्यांकन करते हैं। यदि किसी कंपनी का बाजार मूल्य उसके आंतरिक मूल्य की तुलना में काफी कम है, तो वहां खरीदने का अवसर हो सकता है।
क्या आपको इंश्योरेंस सेक्टर में निवेश के अवसर दिखते हैं?
इस पर विकास ने कहा कि कुछ इंश्योरेंस स्टॉक अच्छे लग रहे हैं लेकिन हमें इस समय शुद्ध बीमा कंपनियों में कोई खास निवेश अवसर नहीं दिख रहे हैं। यह सेक्टर निवेश लायक है लेकिन इनमें से कई कंपनियां काफी ज्यादा ओवरवैल्यूड हैं। निवेशकों को इस सेक्टर में अवसर मिल सकते हैं, लेकिन हम मौजूदा मूल्यांकन को देखते हुए सावधानी बरतने की सलाह देंगे।
क्या आपको उम्मीद है कि RBI इस साल ब्याज दरों में कटौती करेगा, या यह 2025 में होगा ?
इसके जवाब में विकास ने कहा कि दरों में बढ़त के दौर में RBI ने फेड एक दम से फॉलो नहीं किया। लेकिन दोनों का नजरिया एक जैसा रहा। नियंत्रित महंगाई जैसे घरेलू कारकों को ध्यान में रखते हुए RBI दरें बढ़ाने में थोड़ा सुस्त रहा। इसी तरह दर कटौती चक्र के दौरान भी हम उम्मीद करते हैं कि RBI कटौती के व्यापक रुझान का पालन करेगा। हालांकि हर कदम पर यह जरूरी नहीं है। यह संभव है कि हमें इस वर्ष के अंत से पहले 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती देखने को मिले लेकिन यह घरेलू महंगाई के आंकड़ों और USD-INR विनिमय दर पर निर्भर करेगा।
क्या आपने वैल्यूएशन से जुड़ी चिंताओं के कारण अपने पोर्टफोलियो को मिडकैप से लार्जकैप में शिफ्ट कर दिया है?
इसका जवाब देते हुए विकास ने कहा कि वे पिछले कुछ समय से मिडकैप के मुकाबले लार्जकैप पर अधिक फोकस करते आए हैं। उन्होंने कहा कि वे बेहतर निवेश अवसरों के लिए लगातार बाजार का आकलन करते रहते हैं। वर्तमान में उनके फ्लेक्सीकैप पोर्टफोलियो में 40 फीसदी से अधिक लार्जकैप और 30 प्रतिशत से अधिक स्मॉलकैप को आवंटित किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि AMFI द्वारा परिभाषित लार्जकैप यूनिवर्स में केवल 100 स्टॉक शामिल हैं, फिर भी इस स्पेस में कई सस्ते क्वालिटी स्टॉक मिले हैं। इसके विपरीत, 150-स्टॉक वाले मिडकैप यूनिवर्स उन्हें कम शेयर अच्छे लगे हैं।
डिस्क्लेमर: stock market news पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।