वित्त वर्ष 2024 में 62 पर्सेंट बढ़ोतरी के साथ 4,700 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हासिल करने के बावजूद जेरोधा का IPO लाने का कोई इरादा नहीं है। कंपनी के CEO नितिन कामत ने इस फैसले से जुड़े सवालों के जवाब दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर ब्रोकरेज कंपनी पिछले 2-3 साल में पब्लिक इश्यू लाती, तो वह शानदार वैल्यूएशन हासिल करती।’
कामत का कहना था, ‘हमसे कई बार यह सवाल पूछा गया है कि हमने पब्लिक इश्यू क्यों लॉन्च नहीं किया। हमें पिछले 2-3 साल में आसानी से शानदार वैल्यूएशन मिल सकता थी।’ कामत ने IPO मार्केट से दूर रहने की कई वजहें बताईं। उनका कहना था कि भविष्य की घटनाओं को लेकर अनुमाना लगाना मुश्किल है, मसलन रेगुलेटरी बदलाव या मार्केट में गिरावट। इससे कंपनी की स्थिरता पर बुरा असर हो सकता है।
कामत का मानना है कि मजबूत फाइनेंशियल के बावजूद जेरोधा को अपना रेवेन्यू अनुमान बढ़ाने की जरूरत है। ऐसा करना इस बिजनेस के लिए चुनौतीपूर्ण है, जो मुख्य तौर पर ब्रोकरेज सर्विसेज पर निर्भर है। उनके मुताबिक, शानदार प्रॉफिट की वजह से कंपनी का नेट वर्थ काफी मजबूत है और फिलहाल उसके पास बाहरी फंडिंग की जरूरत नहीं है, बशर्ते पूंजी जुटाने के लिए कोई रणनीतिक मकसद हो।
कामत ने निवेशकों की उम्मीदों के दबाव का भी जिक्र किया। उनका कहना था कि अगर जेरोधा IPO लाती है, तो उसका कस्टमर आधारित लॉन्ग टर्म फोकस शॉर्ट टर्म प्रॉफिट गोल में बदल जाएगा। कामत ने जेरोधा के ऑफरों के डायवर्सिफिकेशन को लेकर भी चर्चा की। इनमें मार्जिन ट्रेड फंडिंग (MTF) लॉन्च करना, सिक्योरिटीज के बदले लोन मुहैया कराना, जेरोधा के फंड हाउस के तहत पैसिव फंड लॉन्च करना आदि शामिल हैं।