सरकार ने नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत 9 साल में ट्रांसमिशन लाइन नेटवर्क 33 फीसदी बढ़ाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 9 लाख करोड़ से ज्यादा का खर्च होगा। ट्रांसमिशन लाइन के विस्तार पर डिटेल्स देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के लक्ष्मण राय ने बताया कि नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान 2023-2032 तैयार कर लिया गया है। प्लान के तहत ट्रांसमिशन लाइन का विस्तार होगा। केंद्र और राज्यों में ट्रांसमिशन सिस्टम मजबूत होगा। नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान पर 9.15 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे।
इस योजना के तहत ट्रांसमिशन नेटवर्क बढ़ाकर 6.48 लाख सर्किट KM किया जाएगा। इसको 4.85 लाख सर्किट KM से बढ़ाकर 6.48 लाख सर्किट KM किया जाएगा। 2032 तक बिजली की पीक डिमांड 458 GW रहने का अनुमान है। 2032 की पीक डिमांड के हिसाब से ट्रांसमिशन विस्तार की योजना बनाई गई है। ट्रांसमिशन लाइन में रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस होगा। ग्रीन हाइड्रोजन के लिए भी प्लान में खास इंतजाम होगा।
बता दें कि नई दिल्ली में 23 सितंबर को हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री ने मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में ऊर्जा मंत्रालय ने नई सरकार के पहले 100 दिनों में उल्लेखनीय सफलताएं प्राप्त की हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा था कि मंत्रालय ने ऊर्जा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, क्षमता बढ़ाने, कनेक्टिविटी बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय पहुंच का विस्तार करने के दृष्टिकोण के साथ अपनी 100 दिनों की योजना तैयार की है।
नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान पर केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि नेशनल इलेक्ट्रिसिटी प्लान 2023 से 2032 तक के लिए केंद्र और राज्य ट्रांसमिशन सिस्टम को अंतिम रूप दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य 2032 तक 458 गीगावाट की पीक डिमांड को पूरा करना है। पिछली योजना 2017-22 के तहत, सालाना लगभग 17,700 किलोमीटर लाइन और 73 जीवीए परिवर्तन क्षमता जोड़ी गई थी। नई योजना के तहत, देश में ट्रांसमिशन नेटवर्क का विस्तार 2024 में 4.85 लाख किलोमीटर से बढ़ाकर 2032 में 6.48 लाख किलोमीटर किया जाएगा। इसी अवधि के दौरान परिवर्तन क्षमता 1,251 जीवीए से बढ़कर 2,342 जीवीए हो जाएगी।
वर्तमान में संचालित 33.5 गीगावाट के अलावा 33.25 गीगावाट क्षमता की नौ हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) लाइनें जोड़ी जाएंगी। अंतर-क्षेत्रीय स्थानांतरण क्षमता 119 गीगावाट से बढ़कर 168 गीगावाट हो जाएगी। यह योजना 220 केवी और उससे ऊपर के नेटवर्क को शामिल करती है।
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी थी कि यह योजना बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने, ग्रिड में आरई एकीकरण और ग्रीन हाइड्रोजन लोड को सुविधाजनक बनाने में मदद करेगी।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा था कि 50 गीगावाट आईएसटीएस क्षमता को मंजूरी दी गई है। 2030 तक 335 गीगावाट की ट्रांसमिशन नेटवर्क का उपयोग 280 गीगावाट परिवर्तनशील नवीकरणीय ऊर्जा (वीआरई) को अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) तक पहुंचाने के लिए योजना बनाई गई है। इसमें से 42 गीगावाट पहले ही पूरा हो चुका है, 85 गीगावाट निर्माणाधीन है, और 75 गीगावाट निविदा प्रक्रिया में है। शेष 82 गीगावाट को समय पर मंजूरी दे दी जाएगी।
पावर ग्रिड और CESC में दिखी जोरदार तेजी
इस खबर के चलते आज पावर ग्रिड (Power Grid) और CESC के शेयरों में अच्छा एक्शन देखने को मिला। पावर ग्रिड का शेयर 13.70 रुपए यानी 3.91 फीसदी की तेजी लेकर 363.75 रुपए पर बंद हुआ है। आज का इसका दिन का हाई 366.25 रुपए रहा। वही, CESC के शेयर 5.18 रुपए यानि 2.58 फीसदी की तेजी लेकर 206 रुपए के आसपास बंद हुए है।