Share Market Boom: भारतीय शेयर बाजार उड़ान पर है। सेंसेक्स-निफ्टी तो रॉकेट बन गए हैं। उनकी स्पीड का अंदाजा इस बात से लगाइए कि सेंसेक्स को 83000 से 85000 का सफर पूरा करने में मात्र 9 ट्रेडिंग सेशन लगे। जबकि, निफ्टी ने 25000 से 26 हजार का सफर सिर्फ 38 सेश् में पूरा किया है। बाजार में एक के बाद एक नए रिकॉर्ड बनने के पीछे मुख्य वजह घरेलू अर्थव्यवस्था को लेकर बढ़ती उम्मीदें और व्यवस्था में पूंजी प्रवाह के साथ चीन से मिले संकेत हैं। अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए चीन द्वारा प्रोत्साहन उपायों की घोषणा से धातु शेयरों को गति मिली।
निफ्टी ने इस साल 20% का मुनाफा दिया
इस साल आई ताबड़तोड़ तेजी ने बाजार को नए शिखर तक पहुंचाया है। निफ्टी बीते नौ माह के दौरान 50 से अधिक बार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा है। मंगलवार को इसने 26,000 के स्तर को छू लिया। इस तूफानी तेजी से निफ्टी ने वर्ष 2024 में अब तक 19.36 प्रतिशत का मुनाफा निवेशकों को दिया है। यह बीते पूरे साल के मुकाबले ज्यादा है। निफ्टी ने बीते नौ माह में सात महीने के दौरान मुनाफा दर्ज किया है।
सभी तरह के निवेशक जमकर लगा रहे दांव
विशेषज्ञ लगातार भारतीय शेयर बाजार में उच्च मूल्यांकन को लेकर चेता रहे हैं और इसमें कुछ गिरावट का अनुमान भी लगा रहे हैं। इसके बावजूद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई), घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) और खुदरा निवेशक लगातार अरबों डॉलर का निवेश कर रहे हैं, जिससे बाजार को रिकॉर्ड स्तर बनाए रखने में मदद मिल रही है।
विदेशी निवेशकों ने रिकॉर्ड पैसा लगाया
अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) के पूंजी प्रवाह में तेजी आई है। सितंबर में उन्होंने अब तक 33 हजार करोड़ से अधिक का निवेश किया है, जो इस साल निवेश का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है। बीते नौ माह में एफपीआई 76 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर चुके हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा और बढ़ा
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर उच्च मूल्यांकन के बावजूद भारतीय शेयरों में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है। इसका कारण देश की मजबूत आर्थिक वृद्धि क्षमता है। भारत की अर्थव्यवस्था अन्य देशों की तुलना में तेज गति से बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी के 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। घरेलू ब्रोकरेज फर्म आईडीबीआई कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था में हर 1.5 साल में 1 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो 2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी।