Vodafone Idea Network Deal: वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही दिग्गज टेलीकॉम कंपनी वोडा आइडिया ने रविवार 22 सितंबर 360 करोड़ डॉलर की फंडिंग डील का ऐलान किया। इसने नोकिया, एरिक्सन और सैमसंग के साथ तीन साल तक नेटवर्क उपकरणों की सप्लाई के लिए इस डील को साइन किया है। यह डील वोडा आइडिया की 3 साल की कैपेक्स योजना का पहला कदम है। अब सवाल उठता है कि इस डील से वोडा आइडिया के कारोबार को सपोर्ट तो मिलेगा ही लेकिन इसका वेंडर्स और सब्सक्राइबर्स को क्या फायदा होगा?
सब्सक्राइबर्स को क्या होंगे फायदे?
वोडा आइडिया के 20 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स को बेहतर नेटवर्क क्वालिटी और सर्विसेज का इंतजार कर रहे हैं। 360 करोड़ डॉलर की डील से उन्हें बदलाव दिख सकता है। नए लॉन्ग टर्म अवार्ड के तहत आने वाली तिमाही से सप्लाई मिलनी शुरू हो जाएगी और फिर एडवांस्ड इक्विपमेंट लगने से सब्सक्राइबर्स को बेहतर नेटवर्क क्वालिटी मिल सकती है, कॉल ड्रॉप की शिकायत कम हो सकती है और डेटा की स्पीड बढ़ सकती है
वोडाफ़ोन आइडिया की योजना 4जी कवरेज को 102 करोड़ से बढ़ाकर 103 करोड़ करने की है यानी कि अधिक सब्सक्राइबर्स को हाई स्पीड इंटरनेट सर्विसेज का फायदा मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका विस्तार होगा। कंपनी अपनी कैपेसिटी बढ़ा रही है जिससे डेटा को अधिक बेहतर तरीके से हैंडल करने में इसे मदद मिलेगी। फंडिंग से बहुत व्यस्त समय में भी यानी की पीक ऑवर्स में भी सब्सक्राइबर्स को स्थायी सर्विसेज मिलेगी यानी कि नेटवर्क इश्यू परेशान नहीं करेगा। यह डील वोडा आइडिया को 5जी सर्विसेज को लाने के लिए आधार तैयार करेगी और एक बार यह आता है तो यूजर्स को फास्ट स्पीड बेहतर कनेक्टिविटी के साथ मिलेगी।
Vodafone Idea Network Deal से वेंडर्स को क्या फायदा?
यूरोपीय टेलीकॉम इक्विपमेंट वेंडर्स नोकिया और एरिक्सन को कुछ राहत मिलेगी। देश में गियर बनाने वाली देश की ये दो सबसे बड़ी कंपनियां 4जी और 5जी नेटवर्क के लिए सभी तीन दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों के साथ काम कर रही हैं, लेकिन 2023 की अंतिम तिमाही से इनकी सेल्स में तेज गिरावट आई है क्योंकि 5जी पर खर्च कम हो गया था। अब वोडाफोन आइडिया की फंडिंग डील नोकिया और एरिक्सन के रेवेन्यू को बढ़ावा मिल सकता है।
कोरियाई चाबोल सैमसंग को भी वोडाफोन की डील से फायदा मिल सकता है क्योंकि यह देश में टेलिकॉम ऑपरेटरों के साथ अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश कर रही है। सैमसंग को इससे पहले भारती एयरटेल से एक छोटा बिजनेस मिला था। वहीं रिलायंस जियो को 4जी गियर सप्लाई करने वाली यह इकलौती कंपनी थी लेकिन जब जियो ने अपने 5जी नेटवर्क को लाया तो इसने नोकिया और एरिक्सन को चुना।
मनीकंट्रोल से बातचीत में एनालिसिस मेसन के पार्टनर अश्विंदर सेठी ने कहा कि सौदे में 5जी को लागू करने और चाइनीज वेंडर्स के सर्विस वाले सर्किल में 4जी स्वैप शामिल है। इससे वोडा आइडिया को 5जी सर्विसेज ऑफर करने में मदद मिलेगी। इसकी कॉम्पटीटर्स जियो और एयरटेल पहले अपने 50 फीसदी साइट्स को 5जी में अपग्रेड कर चुकी है और आगे भी आक्रामक तरीके से अपने 5जी कवरेज को बढ़ा रही हैं। अश्विंदर के मुताबिक कर्नाटक और पंजाब जैसे सर्किल में 4जी स्वैप का काम सैमसंग कर सकती है जो अभी हुवावे और जेडटीई कर रही हैं।
वोडाफोन आइडिया पर अभी नोकिया और एरिक्सन जैसे वेंडर्स का बकाया है। वित्तीय दिक्कतों से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी नए-पुराने लेंडर्स से 25 हजार करोड़ रुपये के फंडेड और 10 हजार करोड़ रुपये के नॉन-फंडेड बेस्ड फैसिलिटीज के लिए बातचीत कर रही है जो एडवांस्ड स्टेज में पहुंच चुकी है। डेट फंडिंग से इसे 50 हजार-55 हजार करोड़ रुपये के कैपेक्स प्लान पर काम करने में भी मदद मिलेगी जो नोकिया, एरिक्सन और सैमसंग को भी फायदा पहुंचाएगा। इसके 4जी इंफ्रा के अपग्रेड होने और 5जी को लागू करने से इक्विपमेंट वेंडर्स को कॉन्ट्रैक्ट्स और ऑर्डर्स की संख्या बढ़ेगी। एनालिस्ट्स् के मुताबितक वोडा आइडिया की वित्ती सेहत मजबूत होती है तो वेंडर्स को इसकी स्थितरता को लेकर भरोसा बढ़ेगा और भविष्य के प्रोजेक्ट्स पर उनकी साझेदारी को प्रोत्साहन मिलेगा।