Skipper share: स्किपर लिमिटेड के शेयरों में आज 23 सितंबर को 16 फीसदी तक की शानदार रैली देखी गई। यह स्टॉक BSE पर इस समय 13.91 फीसदी की बढ़त के साथ 475.75 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है। वहीं, इंट्राडे में स्टॉक ने 483.10 रुपये के लेवल को छू लिया, जो कि इसका 52-वीक हाई है। दरअसल, एक्सिस सिक्योरिटीज ने इस स्टॉक पर ‘Buy’ रेटिंग के साथ कवरेज की शुरुआत की है। इस खबर के बाद आज कंपनी के शेयरों में जमकर खरीदारी देखी गई। आज की तेजी के साथ कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 5373 करोड़ रुपये हो गया।
कितना है Skipper का टारगेट प्राइस
एक्सिस सिक्योरिटीज ने स्किपर लिमिटेड के शेयरों के लिए 600 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस रखा है। ब्रोकरेज ने कंपनी के बिजनेस में मजबूत ग्रोथ की संभावना जताई है। इस टारगेट प्राइस के अनुसार कंपनी के शेयरों में 418 रुपये के लास्ट क्लोजिंग प्राइस से 44 फीसदी की दमदार रैली की उम्मीद है। स्किपर के शेयरों में इस साल अब तक 105 फीसदी तक की जबरदस्त तेजी आ चुकी है।
Skipper पर क्यों बुलिश है ब्रोकरेज फर्म?
एक्सिस का कहना है कि यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की एकमात्र पूरी तरह से इंटीग्रेटेड ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन (T&D) कंपनी है, जो पूरी ट्रांसमिशन चेन में काम करती है। स्ट्रक्चर रोलिंग, मैन्युफैक्चरिंग, टॉवर लोड टेस्टिंग और ट्रांसमिशन लाइन EPC के लिए इन-हाउस क्षमताओं के साथ स्किपर अपने कंपटीटर्स से अलग है। हाई-वोल्टेज पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स को एग्जीक्यूट करने में इसकी एक्सपर्टाइज इसे एक क्लियर कंपटीटिव एडवांटेज देती है।
एनालिस्ट्स ने एक नोट में कहा, “कंपनी की 60 से अधिक देशों में निर्यात के साथ एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय मौजूदगी है और एशिया पैसिफिक, मध्य पूर्व और लैटिन अमेरिकी क्षेत्रों में इसकी मजबूत पकड़ है। यह अमेरिका, कनाडा और यूरोप जैसे विकसित बाजारों में एंट्री करने पर काम कर रही है, जिसमें आकर्षक संपर्क बनाने की क्षमता है। वर्तमान में, विकसित बाजारों में इसकी उपस्थिति बहुत कम है।”
Skipper का फोकस क्षमता बढ़ाने पर
स्किपर भारत में 3,00,000 टन के साथ सबसे बड़ी इंजीनियरिंग कैपिसिटी का दावा करती है, जो वर्तमान में 90 फीसदी यूटिलाइजेशन पर काम कर रही है, जो कि FY24 में 70 फीसदी थी। बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कंपनी Q1FY26 तक 25 फीसदी या 75,000 टन की क्षमता का विस्तार कर रही है और FY26 में 75000 टन की और वृद्धि की योजना बना रही है। Q1FY26 तक अतिरिक्त 75000 टन से FY26 में 800-1,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है। मैनेजमेंट ने अगले तीन सालों में 25 फीसदी रेवेन्यू CAGR के लिए मजबूत गाइडेंस जारी किया है।
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