निफ्टी PSU बैंक इंडेक्स में 20 सितंबर तक अपने रिकॉर्ड लेवल से 17 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिल चुकी है। 30 जून को यह अपने रिकॉर्ड हाई लेवल 8,006 अंक पर पहुंच गया था। उसके बाद से PSU बैंक इंडेक्स के मार्केट कैपिटल में 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है। PSU बैंक के शेयर अपने पीक से तकरीबन 30 पर्सेंट नीचे गिर चुके हैं। ऐसे में सवाल है यह कि क्या शेयर अब सस्ते हो गए हैं?
निफ्टी PSU बैंक यानी सभी सरकारी बैंकों के इंडेक्स में 23 सितंबर को 3.5 पर्सेंट से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली और इंडेक्स से जुड़े सभी बैंकों के शेयरों में बढ़त देखने को मिली। इंडेक्स की सभी 12 इकाइयों में बढ़त रही। सबसे ज्यादा बढ़त बैंक ऑफ महाराष्ट्र में रही। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के शेयर में 7% से भी ज्यादा की बढ़त देखने को मिली। FTSE ऑल वर्ल्ड इंडेक्स में एडजस्टमेंट के मद्देनजर बैंक के स्टॉक में 1.2 करोड़ डॉलर का इनफ्लो देखने को मिला।
बाकी बैंकों के शेयरों में भी 2.5% से 6.5% की बढ़ोतरी देखने को मिली। इस इंडेक्स के ज्यादातर शेयरों में अपने पीक से तकरीबन 30 पर्सेंट का करेक्शन देखने को मिल चुका है। हालांकि, ये स्टॉक अब भी पांच साल के औसत प्राइस-टू-बुक मल्टीपल से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं। हालांकि, केनरा बैंक, यूनियन बैंक और स्टेट बैंक जैसे स्टॉक अब भी अपने 5 साल के ऐतिहासिक एवरेज से नीचे कारोबार कर रहे हैं।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के शेयरों में 20% का करेक्शन है, जबकि पंजाब एंड सिंध बैंक में 29% का करेक्शन देखने को मिल चुका है। इंडियन बैंक में 19% और यूको बैंक में 31 पर्सेंट का करेक्शन देखने को मिला है। इसके अलावा, इंडियन ओवरसीज बैंक में 29% और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 22% का करेक्शन रहा है। बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और यूनियन बैंक में क्रमशः 21%, 18% और 28% का करेक्शन रहा, जबकि SBI, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया में 14%, 24% और 30% का करेक्शन रहा।