अमेरिका में फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कमी करने के बाद इंडिया में भी इंटरेस्ट रेट घटने की उम्मीद बढ़ गई है। इसलिए एक्सपर्ट्स अभी अच्छी क्वालिटी के डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश की सलाह दे रहे हैं। जो निवेशक बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (बैंक एफडी) और म्यूचुअल फंड्स की डेट स्कीमों में निवेश नहीं करना चाहते, वे नॉन-कनवर्टिबल डिबेंचर्स (एनसीडी) में निवेश कर सकते हैं। बीएसई और एनएसई पर कई अच्छी कंपनियों के एनएसडी उपलब्ध हैं।
क्या एनसीडी में निवेश में रिस्क है?
निवेशकों को पहले यह जान लेना जरूरी है कि कंपनियों के एनसीडी में बैंकों के एफडी और सरकारी बॉन्ड्स के मुकाबले थोड़ा रिस्क है। इसलिए उन्हें ज्यादा रेटिंग वाले एनसीडी में निवेश करना चाहिए। हाल में आए Adani Enterprises के एनसीडी को निवेशकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। कंपनी ने करीब 30 फीसदी एनसीडी रिटेल इनवेस्टर्स को एलॉट किए हैं। कंपनी के एनसीडी की मैच्योरिटी 2 से 5 साल के बीच है। इनकी यील्ड सालाना 9.25 से 9.90 फीसदी के बीच है।
एनसीडी का मतलब क्या है?
NCD फिक्स्ड-इनकम इंस्ट्रूमेंट्स हैं। इसका मतलब है कि निवेश से पहले आपको पता होता है कि आपको इसमें निवेश से सालाना कितना रिटर्न मिलेगा। कंपनियां पूंजी की अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए एनसीडी इश्यू पेश करती हैं। आम तौर पर एनसीडी का मैच्योरिटी पीरियड एक से लेकर 7 साल तक होता है। निवेशक को तिमाही, छमाही, सालाना या मैच्योरिटी के अंत में इंटरेस्ट मिलता है। दो तरह के एनसीडी होते हैं-पब्लिकली इश्यूड या प्राइवेटली प्लेस्ड।
NCD कितने तरह के होते हैं?
विंड वेल्थ के फाउंडर और सीआईओ अंशुल गुप्ता ने कहा कि पब्लिकली इश्यूड एनसीडी डेट आईपीओ की तरह होते हैं। इनकी फेस वैल्यू कम से कम 1,000 रुपये की होती है। प्राइवेटली प्लेस्ड एनसीडी की फेस वैल्यू कम से कम 1,00,000 रुपये होती है। इसमें संस्थागत निवेशक और फैमिली ऑफिसेज इनवेस्ट करते हैं। कुल कॉर्पोरेट डेट मार्केट में प्राइवेटली प्लेस्ड बॉन्ड्स की हिस्सेदारी 98.5 फीसदी है।
NCD के इंटरेस्ट पर टैक्स लगता है?
एनसीडी से मिला इंटरेस्ट टैक्स के दायरे में आता है। टैक्सपेयर्स के टैक्स स्लैब के हिसाब से इस पर टैक्स लगता है। स्टॉक एक्सचेंज पर एनसीडी को बेचने पर हुए मुनाफे पर कैपिटल गेंस टैक्स लगता है। अगर आप खरीदने के 12 महीने के अंदर एनसीडी को बेच देते हैं तो आपको अपने इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। अगर आप 12 महीने के बाद बेचते हैं तो उस पर 12.5 फीसदी के रेट से टैक्स लगेगा। कैपिटल गेंस पर इंडेक्सेशन बेनेफिट उपलब्ध नहीं है।
BSE, NSE पर कौन से एनसीडी उपलब्ध?
बीएसई और एनएसई पर कई बड़ी कंपनियों के एनसीडी में ट्रेडिंग होती है। इनमें Tata Capital Financial Services, Shriram Transport Finance और M&M Financial Services जैसी कंपनियां शामिल हैं। निवेशक को यह ध्यान में रखना होगा कि एनसीडी खरीदने पर ब्रोकिंग और ट्रांजेक्शन चार्ज भी लगेगा। इसके अलावा भी कई कंपनियों के एनसीडी में स्टॉक एक्सचेंज के जरिए निवेश किया जा सकता है। लेकिन, एक्सपर्ट्स अच्छी कंपनियों के एनसीडी में निवेश की सलाह देते हैं।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
HDFC Securities के हेड (रिसर्च) दीपक जसानी ने कहा, “एनसीडी में निवेश उन निवेशकों के लिए फायदेमंद है, जो हायर टैक्स स्लैब में नहीं आते हैं और किसी समय भी पैसे निकाल लेने की सुविधा चाहते हैं।” चूंकि आने वाले समय में इंडिया में इंटरेस्ट रेट में कमी आने के आसार हैं, जिससे ज्यादा इंटरेस्ट रेट वाले एनसीडी का अट्रैक्शन बढ़ेगा। ऐसे में निवेशक अच्छी कंपनियों के एनसीडी में निवेश कर ज्यादा इंटरेस्ट रेट्स का फायदा उठा सकते हैं। एनएसई और बीएसई में एनसीडी में निवेश करने में निवेशकों को उनकी यील्ड को देखना होगा। साथ ही उन्हें यह भी ध्यान रखना होगा कि ज्यादा लिक्विडिटी वाले एनसीडी में निवेश करना सही है।