स्टॉक मार्केट्स लगातार तेजी के नए रिकॉर्ड बना रहा है। विदेशी निवेशकों ने भी इंडियन मार्केट्स में निवेश करना शुरू कर दिए हैं। इससे शेयरों की वैल्यूएशन बढ़ी है। मनीकंट्रोल ने इस मार्केट को समझने के लिए आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर (सीआईओ) शंकरन नरेन से बातचीत की। नरेन को निवेश का व्यापक अनुभव है। वह आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड के फंड मैनेजर हैं। इसके अलावा वह और चार फंडों का भी प्रबंधन करते हैं। उनकी पहचान वैल्यू-स्ट्रेटेजी फंड मैनेजर की रही है। मनीकंट्रोल ने उनसे वैल्यू इनवेस्टिंग के अलावा यह भी पूछा कि अभी कहां निवेश करने पर अच्छा प्रॉफिट मिलेगा।
पिछले सालों में वैल्यू इनवेस्टिंग में बदलाव आया है
नरेन ने कहा कि पिछले कई सालों में वैल्यू इनवेस्टिंग में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने शुरुआत की थी तब कम प्राइस-अर्निंग्स (P/E) और प्राइस-बुक (P/E) रेशियो को देखकर निवेश होता था। उसके बाद कीमतों में तेजी आने तक इंतजार करना पड़ता था। लेकिन, फंड का साइज बढ़ने पर यह देखा गया कि यह मॉडल काम नहीं कर रहा है। तब हमने ज्यादा क्वालिटी आधारित मॉडल पर फोकस करना शुरू किया। इसमें आप ऐसे शेयरों की पहचान करते हैं जिनकी कीमेतें इंट्रिनसिक वैल्यू से नीचे चली गई हैं। 2007 तक हमने सस्ती वैल्यूएशन पर एवरेज बिजनेस की जगह सही वैल्यू पर अच्छे बिजनेस वाले शेयरों को खरीदना शुरू कर दिया।
अभी फाइनेंशियल को छोड़ सभी सेक्टर का अच्छा प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि पिछले 20 साल में कई बार ऐसा वक्त आया है जब कुछ सेक्टर में कीमतें बाकी मार्केट के मुकाबले सस्ती रही हैं। अभी जो स्थिति है, उसमें फाइनेंशियल को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। ऐसे माहौल में जब मार्केट में हर शेयर चढ़ा है तब वैल्यू इनवेस्टिंग के लिहाज से लंबी अवधि के निवेशकों को एसेट एलोकेशन पर ध्यान देना चाहिए। अगर आप 2007 को देखें तो इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रदर्शन बहुत अच्छा था, लेकिन बाकी शेयर सस्ते थे। तब हमारे लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की जगह दूसरे सेक्टर में निवेश करना आसान था। 2017 में स्मॉलकैप और मिडकैप के मुकाबले लार्जकैप स्टॉक्स सस्ते थे। 2020 में दूसरे सेक्टर के मुकाबले मेटल, टेलीकॉम और PSU स्टॉक्स सस्ते थे।
प्राइवेट बैंक और इंश्योरेंस कंपनियों में निवेश का मौका
अभी निवेश के मौकों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी हमने डिफेंसिव पॉजिशन ली है। सिर्फ बैंक हमें अपवाद दिख रहा है, जिसमें वैल्यूएशन के लिहाज से हमें स्थिति ठीक लग रही है। लेकिन, हमने प्राइवेट सेक्टर बैंकों के स्टॉक्स में निवेश किया है न कि सरकारी बैंकों के स्टॉक में। हमने इंश्योरेंस सेक्टर में भी बड़ा निवेश किया है। हमने ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियों के स्टॉक्स खरीदे हैं। इसकी वजह यह है कि बाकी मार्केट के मुकाबले इंश्योरेंस स्टॉक्स का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। इसलिए करीब 3-6 महीने पहले हमने इंश्योरेंस शेयरों में निवेश किया।