Anil Ambani’s Reliance Group Transformation: अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने हाल के सालों में अपनी प्रमुख कंपनियों को दिवाला कार्यवाही में नीलाम होते और कर्ज में डूबते हुए देखा है, लेकिन समूह ने पिछले सप्ताह ऐसी घोषणाएं की हैं, जिन्हें निवेशक बदलाव के संकेत मान रहे हैं। समूह ने 18 सितंबर से 20 सितंबर तक तीन दिनों में घोषणा की कि वह लंबी अवधि के फंड जुटाने की योजनाओं को लागू कर रहा है। इससे समूह की वित्तीय स्थिति मजबूत हो सकती है। बता दें कि अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के शेयरों में पिछले सप्ताह लगातार तेजी देखी गई थी। रिलायंस पावर, रिलायंस इंफ्रा और रिलायस होम फाइनेंस के शेयर में जमकर खरीदारी हो रही थी।
फंड जुटाने पर जोर
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड ने तरजीही निर्गम और क्यूआईपी के जरिए 6,000 करोड़ रुपये तक के फंड जुटाने को मंजूरी दी। दूसरी ओर रिलायंस पावर का बोर्ड कई तरीकों से फंड जुटाने पर विचार करने और उसे मंजूरी देने के लिए 23 सितंबर को बैठक कर रहा है। जिस गति से अनिल अंबानी ने अपनी कंपनियों के कर्ज को चुकाने के लिए कदम उठाया, और साथ ही अपनी कंपनियों के भविष्य के विस्तार के लिए फंड जुटाने की योजनाओं की घोषणा की और उन्हें लागू किया, उसने निवेशकों को आश्चर्यचकित कर दिया है। शेयर बाजारों में दोनों फर्मों के शेयरों में उछाल आया।
निवेशकों ने कहा कि अनिल अंबानी की प्रमुख कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर में प्रमोटर्स समूह द्वारा 1,100 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा ने समूह की पुनरुद्धार योजनाओं में उनका भरोसा और बढ़ा दिया है। उनका मानना है कि कर्ज में कमी और ताजा पूंजी जुटाने की अनिल अंबानी की दोहरी रणनीति ने रिलायंस समूह के दीर्घकालिक रूपांतरण के लिए आधार तैयार कर दिया है। इस सप्ताह के अंत तक रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का मार्केट कैप लगभग 50 प्रतिशत बढ़कर 8,500 करोड़ रुपये से 12,500 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह, रिलायंस पावर का मार्केट कैप 25 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 11,500 करोड़ रुपये से 14,600 करोड़ रुपये हो गया।