रिलायंस पावर के शेयरों में 23 सितंबर को 5 पर्सेंट का अपर सर्किट लग गया। कंपनी के बोर्ड की बैठक से पहले कंपनी के शेयरों में तेजी देखने को मिली। बोर्ड की बैठक में घरेलू और ग्लोबल बाजारों से लॉन्ग टर्म संसाधन जुटाने पर विचार किए जाने का प्रस्ताव है। कंपनी के शेयरों में लगातार आठवें सत्र में तेजी देखने को मिली है। कंपनी का मार्केट कैपिटल बढ़कर 15,328 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जबकि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 23 सितंबर को कंपनी की कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम 1 करोड़ शेयर तक पहुंच गई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 23 सितंबर को कंपनी का शेयर 4.98 पर्सेंट की बढ़त के साथ 38.15 रुपये पर बंद हुआ।
अनिल अंबानी की अगुवाई वाली इस फर्म का स्टॉक पिछले हफ्ते से फोकस में है, जब प्राइवेट सेक्टर की इस पावर कंपनी ने ऐलान किया था कि उसे अपनी कॉरपोरेट गारंटी से मुक्ति मिल गई है और उसने सब्सिडियरी विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड (VIPL) के 3,872.04 करोड़ रुपये के कर्ज का भी निपटारा कर दिया गया है।
रिलायंस पावर ने बताया कि उसने CFM एसेट रीकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (CFM) के साथ सभी विवादों का निपटारा कर लिया है और रिलायंस पावर द्वारा दी गई कॉरपोरेट गारंटी के एवज में VIPL के 100 पर्सेंट शेयर CFM के पास गिरवी रखे गए हैं। सेटलमेंट एग्रीमेंट के मुताबिक, रिलायंस पावर ने कर्ज के निपटारे के लिए अपनी सब्सिडियरी कंपनियों- रोजा पावर सप्लाई कंपनी, VIPL और CFM एसेट रीकंस्ट्रक्शन के साथ समझौता किया है।
इसके बाद रिलीज डीड को लागू किया गया और रिलायंस पावर एवं उनकी सब्सिडियरीज रोजा और VIPL, CFM के खिलाफ तमाम मामलों को वापस लेंगी। इसके अलावा, CFM भी रिलायंस पावर और रोजा के खिलाफ सभी मामले वापस लेगी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 3 बजकर 05 मिनट पर रिलायंस पावर का शेयर 5 पर्सेंट के अपर सर्किट के साथ 38.15 रुपये पर पहुंच गया। पिछले एक साल में कंपनी के शेयरों में 101% की बढ़ोतरी रही है यानी इस दौरान निवेशकों को डबल रिटर्न मिला है। इस दौरान निफ्टी सूचकांक में 31 पर्सेंट की बढ़ोतरी रही है।