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बाजार हलचल: म्युचुअल फंडों की तरह कहो, रीट्स भी सही है – सेबी

रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रीट्स) के विश्लेषण और तुलना के लिए डेटा बेंचमार्किंग इंस्टिट्यूशन बनाए जाने के बाद बाजार नियामक चाहता है कि उद्योग इसके प्रमोशन के लिए म्युचुअल फंडों के उदाहरण को नजीर बनाए।

हाल में आयोजित एक कार्यक्रम में बाजार नियामक सेबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सिफारिश की है कि इंडियन रीट्स एसोसिएशन को भी म्युचुअल फंड सही है जैसी एसोसिएशनऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की कामयाबी दोहराना चाहिए और रीट्स सही है, रीट्स भी सही है और अपने रीट्स को जानिए जैसी कैच लाइन का इस्तेमाल करना चाहिए।

नियामक ने इस निवेश योजना को प्रमोट करने के लिए अपनी तरफ से काफी कोशिश की है। अभी रीट्स की प्रबंधाधीन परिसंपत्तियां 1.4 लाख करोड़ रुपये हैं। रियल एस्टेट में रीट्स व्यवस्था के तहत फ्रैक्शनल ओनरशिप प्लेटफॉर्म शामिल होने से इसमें और इजाफा होने की उम्मीद है। इसका लक्ष्य छोटे और मझोले रीट्स को लक्षित करना है।

आईपीओ की रफ्तार रही शानदार

क्रॉस और टॉलिन्स टायर्स की सुस्त शुरुआत को छोड़ दें तो पिछले हफ्ते बाकी आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों का आगाज शानदार रहा। पीएन गाडगिल का शेयर अपनी आईपीओ कीमत से 74 फीसदी प्रीमियम पर सूचीबद्ध हुआ। बजाज हाउसिंग फाइनैंस का शेयर अपनी सूचीबद्धता पर 2.4 गुना उछल गया जो 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा आईपीओ वर्ग में टाटा टेक्नोलॉजिज के बाद दूसरी सबसे ज्यादा उछाल है।

पिछले साल टाटा टेक का शेयर सूचीबद्धता पर 2.6 गुना चढ़ा था। वेस्टर्न कैरियर्स (इंडिया), आर्केड डेवलपर्स और नॉर्दर्न आर्क कैपिटल के आईपीओ ने कुल मिलाकर 1,680 करोड़ रुपये जुटाए, जिन्हें क्रमश: 32,113 और 117 गुना आवेदन मिले। इन तीनों की सूचीबद्धता के अलावा इस हफ्ते केआरएन हीट एक्सचेंजर ऐंड रेफ्रिजरेशन और मनबा फाइनैंस के इश्यू खुलेंगे। अभी मनबा का जीएमपी अपने इश्यू प्राइस से 50 फीसदी ज्यादा है जबकि केआरए हीट एक्सचेंजर्स का जीएमपी 100 फीसदी है।

वैश्विक रकम में हरकत

निवेशक इसका अंदाजा लगाने में जुटे हैं कि क्या इस हफ्ते बाजारों में बढ़ोतरी होगी या फिर गिरावट आएगी। फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में 50 आधार अंक की कटौती और अमेरिकी बेरोजगारी लाभ वाले आवेदनों में गिरावट से बेंचमार्क निफ्टी में पिछले हफ्ते 1.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस हफ्ते देसी बाजारों में बढ़त होगी या गिरावट, यह कुछ हद तक एफपीआई पर निर्भर करेगा। एफपीआई ने शुक्रवार को तीन साल में एक दिन सबसे बड़ी खरीद की, जिसकी प्रमुख वजह एफटीएसई सूचकांकों में हुआ अर्धवार्षिक पुनर्संतुलन थी।

मूल्यांकन की चिंता ने निवेशकों को लगातार ​मुश्किल में डाल रखा है क्योंकि निफ्टी 12 महीने आगे के पीई अनुपात 21.3 फीसदी पर कारोबार कर रहा है जबकि पांच साल का औसत 19.3 है। एक विश्लेषक ने कहा कि ऊपर की ओर अहम समर्थन स्तर 25,980 और नीचे की ओर 25,445 है।

दुनिया भर में मूल्यांकन महंगे हैं। निवेश पर काफी कुछ निर्भर होता है और अगर यह जारी रहता है तो कीमतें और ऊंचे स्तरों पर पहुंच सकती हैं। निवेशक बैंकिंग और धातु क्षेत्र के शेयरों पर दांव लगा सकते हैं क्योंकि ये काफी गिर चुके हैं और चीन में कभी भी, संभवत: एक महीने या एक तिमाही के भीतर आर्थिक बहाली के अनुमान हैं।

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