Silver Price: गोल्ड के साथ सिल्वर की कीमतों को पंख लग गए हैं। एक किलोग्राम चांदी का रेट घरेलू बाजार में 90,000 रुपये के पार है। अगर एक्सपर्ट का माने तो ये जल्द यानी दिवाली तक 1,00,000 रुपये के स्तर को पार कर सकती है। इसका मलतब है कि क्या ये चांदी में निवेश का बेस्ट टाइम है? भारत में चांदी की कीमतें हाल ही में ₹90,000 प्रति किलोग्राम को पार कर गई हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि यह जल्द ही ₹1 लाख प्रति किलोग्राम से लेकर 1.20 लाख रुपये के स्तर को छू सकती है। इंटरनेशनल मार्केट में चांदी की कीमतें 20 सितंबर (शुक्रवार) को $31 प्रति औंस तक पहुंच गई हैं। यह बढ़ोतरी कई कारणों से आई है। चांदी के मजबूत होने के पीछे कमजोर अमेरिकी डॉलर और रिकॉर्ड उच्च सोने की कीमतें शामिल हैं। ये दोनों कारण चांदी की कीमतों में आई तेजी को और मजबूती दे रहे हैं।
क्यों आ रही है चांदी की कीमतों में तेजी?
भारत में चांदी की डिमांड में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हुई है, जिसका सबूत अगस्त 2024 में चांदी के आयात के आंकड़े हैं। इस महीने में चांदी के आयात का मूल्य ₹11,000 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले साल अगस्त में ₹1,300 करोड़ से एक तेज उछाल है। यह आयात बढ़ोतरी घरेलू डिमांड को दर्शाती है, क्योंकि उपभोक्ता और निवेशक महंगाई और करेंसी के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए चांदी की ओर रुख कर रहे हैं।
आगे बढ़ेगा चांदी का दाम
इंटरनेशनल स्तर पर चांदी की सप्लाई चार लगातार सालों से कमी का सामना कर रही है। 2024 में इंटरनेशनल डिमांड 1.21 अरब औंस तक पहुंचने की संभावना है, जो एक नया रिकॉर्ड होगा। चांदी की कीमतों पर बनी सप्लाई-डिमांड असंतुलन की स्थिति आगे भी ऊपर की ओर दबाव बनाए रखने की संभावना है।
1.20 लाख रुपये तक पहुंच सकता है चांदी का रेट
कीमतों का अनुमान – चांदी पर सभी का है पॉजिटिव रूख
UBS का अनुमान है कि चांदी की कीमतें 2024 के अंत तक $34-36 प्रति औंस के बीच रहेंगी।
Citi ने भविष्यवाणी की है कि चांदी अगले 12 महीनों में $35-38 प्रति औंस तक पहुंच सकती है।
JPMorgan का अनुमान है कि 2025 में चांदी की औसत कीमत लगभग $36 प्रति औंस होगी।
मोतीलाल ओसवाल ने अप्रैल में अनुमान लगाया था कि चांदी की कीमतें मध्यम से लॉन्गटर्म में ₹1 लाख और संभावित रूप से ₹1.2 लाख प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं। इन सभी संकेतों के साथ चांदी की कीमतों में और बढ़ोतरी की संभावना है।