क्विक कॉमर्स फर्मों ने शहरी इलाकों में रिटेल लीजिंग का अंदाज बदल दिया है। डार्क स्टोर अब पारंपरिक रिटेल स्पेस की तुलना में डबल रिटर्न दे रहे हैं। इंडस्ट्री एनालिस्ट्स के मुताबिक, ग्राउंड फ्लोर पर 1,000-4,000 वर्गफुट स्पेस की मांग को लेकर पूछताछ में पिछले 2-3 साल में 40 पर्सेंट की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इन जगहों की रेंटल यील्ड अब काफी बढ़ गई है। क्विक कॉमर्स कंपनियों की मांग की वजह से ऐसा देखने को मिल रहा है, जो आम तौर पर 10 किलोमीटर के दायरे में डार्क स्टोर स्थापित करते हैं।
दरअसल, कंज्यूमर की मांग तेजी से बढ़ रही है, नेटवर्क में विस्तार हो रहा है और सघन आबादी वाले रिहायशी इलाकों में हर 5 किलोमीटर के रेंज में नए स्टोर्स दिख रहे हैं। इससे डार्क स्टोर्स की बढ़ती संख्या के बारे में पता चलता है, जो अगले 3 साल में 15 पर्सेंट की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है। साल 2024 में डार्क स्टोर्स की मांग 2.28 करोड़ वर्ग फुट है, जो 2027 तक बढ़कर 2.71 करोड़ वर्ग फुट तक पहुंच जाने का अनुमान है।
आकर्षक रेंटल रिटर्न
डार्क स्टोर आम तौर पर पीछे वाली जगहों, बायलेन या ऐसी जगहों पर होता है, तो रियल एस्टेट की कीमतें कम होती हैं। रियल्टीकॉर्प के डायरेक्टर सुनील सिंह का कहना है कि ऐसी प्रॉपर्टी के मालिक इन जगहों को लीज पर देकर डबल रेंटल इनकम कमा सकते हैं। उदाहरण के लिए सिंह ने दो साल पहले बेंगलुरु के फ्रेजर टाउन में ब्लिनकिट को 60 रुपये वर्ग फुट के हिसाब से 1,800 वर्ग फुट जगह किराए पर दी थी, जिससे उन्हें 1.08 लाख रुपये हर महीने की इनकम हो रही है।
क्विक कॉमर्स बूम का फायदा उठा रहे प्रॉपर्टी मालिक
ऐसे लोग जिनकी जमीन मुख्य सड़क से हटकर है या फिर कम ऐक्सेस वाले इलाकों में है, वे क्विक कॉमर्स कंपनियों की बढ़ती मांग का पूरा फायदा उठा रहे हैं। अग्रवाल एस्टेट्स में डायरेक्टर, सेल्स एंड लीजिंग पवन शर्मा ने बताया कि इन प्रॉपर्टी मालिकों को अब अपनी प्रॉपर्टी को डार्क स्टोर में कन्वर्ट कर काफी बेहतर रिटर्न मिल रहा है।