Voda Idea Share: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयरधारकों को आज 19 सितंबर को तगड़ा झटका लगा। कंपनी के शेयरों में आज जमकर बिकवाली देखी गई। यह स्टॉक BSE पर 19.60 फीसदी गिरकर 10.38 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आज एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया मामले में टेलीकॉम कंपनियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया। कंपनी का शेयर प्राइस लुढ़ककर अपने फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) की कीमत ₹11 से नीचे आ गया है।
इस गिरावट ने निवेशकों को वोडाफोन आइडिया में अपने म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स की समीक्षा करने के लिए प्रेरित किया होगा। यहां हमने उन म्यूचुअल फंड्स के बारे में बताया है जो वोडाफोन आइडिया के शेयरों में निवेश करते हैं।
वोडा-आइडिया में म्यूचुअल फंड्स की खरीद-बिक्री
अगस्त 2024 में म्यूचुअल फंड ने वोडाफोन आइडिया के शेयरों में सक्रिय रूप से ट्रेड किया है। ट्रेंडलाइन के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान कुल 48 म्यूचुअल फंड्स ने कंपनी के शेयर खरीदे, जबकि 26 फंड्स ने उन्हें बेच दिया।
कोटक इक्विटी आर्बिट्रेज फंड ग्रोथ इस स्टॉक में सबसे बड़ा खरीदार रहा, जिसने 2.20 करोड़ शेयर खरीदे। दूसरी ओर, इन्वेस्को इंडिया आर्बिट्रेज फंड ग्रोथ सबसे बड़ा सेलर रहा, जिसने पिछले महीने 4.09 करोड़ शेयर बेच दिए। इसके अलावा, कोटक इक्विटी सेविंग्स फंड रेगुलर (1.10 crore) और निप्पॉन इंडिया आर्बिट्रेज फंड ग्रोथ में होल्डिंग्स (2.03 करोड़) में अच्छी-खासी बढ़ोतरी देखी गई। इसके अलावा, एचडीएफसी आर्बिट्रेज फंड होलसेल प्लान ने अगस्त में कंपनी के 1.20 करोड़ शेयर खरीदे हैं।
क्या थी टेलीकॉम कंपनियों की याचिका?
टेलीकॉम कंपनियों का दावा था कि एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के बकाए में अंकगणितीय गलतियां हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। वोडा आइडिया पर 70,300 करोड़ रुपये का बकाया है। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि एजीआर का कैलकुलेशन टेलीकॉम सर्विसेज से हुई कमाई पर करनी चाहिए लेकिन दूरसंचार विभाग का कहना है कि आय चाहे टेलीकॉम स्रोत से मिले या नॉन-टेलीकॉम स्रोत से, उस पर एजीआर का कैलकुलेशन होगा। नॉन-टेलीकॉम स्रोत का मतलब है डिपॉजिट पर ब्याय या संपत्तियों की बिक्री से आय इत्यादि।