Defence Stocks: डिफेंस कंपनियों के शेयरों ने आज, 20 सितंबर को शानदार वापसी की। शुरुआती कारोबार में इन शेयरों में 10 प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिली। पारस डिफेंस (Paras Defence) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (Bharat Electronics) के शेयरों में लगभग 2 प्रतिशत की तेजी देखी गई, जबकि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) ने 2.5 प्रतिशत तक बढ़ गया। भारत डायनेमिक्स (Bharat Dynamics) के शेयरों ने 4 प्रतिशत की छलांग लगाकर 1,166 रुपये के स्तर को छू लिया। वहीं मझगांव डॉक (Mazagon Dock) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स (Garden Reach Shipbuilders) के शेयरों में 8 प्रतिशत की जबरदस्त उछाल आई।
सबसे अधिक तेजी कोचिन शिपयार्ड (Cochin Shipyard) के शेयरों में देखने को मिली, जो लगभग 10 प्रतिशत उछलकर 1,840.10 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। कोचिन शिपयार्ड में इस तेजी के पीछे कुछ अहम कारण थे। 23 सितंबर से पहले यह शेयर एक्स-डिविडेंड हो जाएगा, जिसका मतलब है कि डिविडेंड का लाभ पाने के लिए 20 सितंबर इस शेयर को खरीदने का आखिरी दिन है।
इसके अलावा, कोचीन शिपयार्ड को FTSE ऑल वर्ल्ड इंडेक्स में शामिल किया गया है। एनालिस्ट्स का अनुमान है, इसके चलते पैसिव म्यूचुअल फंड्स की ओर इस शेयर में 3 करोड़ डॉलर का निवेश आ सकता है, जिससे आगे भी मोमेंटम बना रह सकता है।
इससे पहले इन सरकारी डिफेंस कंपनियों के शेयरों में पिछले दो महीनों में भारी मुनाफावसूली देखने को मिली। कोचिन शिपयार्ड, मझगांव डॉक और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स जैसे PSU डिफेंस शेयरों ने 2023 में मल्टीबैगर रिटर्न दिया था। हालांकि पिछले 2 महीने में ये शेयर अपने रिकॉर्ड हाई से 40 प्रतिशत से अधिक गिर गए। स्टॉक के ऊंचे वैल्यूएशन को देखते हुए निवेशकों ने बड़े पैमाने पर मुनाफा बुक किया।
हालांकि, 4 सितंबर को डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (DAC) ने भारतीय सेना के लिए 1,44,716 करोड़ रुपये की बड़ी खरीदारी को मंजूरी दी। इन प्रोजेक्ट्स में फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स (FRCVs), एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रेडार्स, डोर्नियर 228 एयरक्राफ्ट, नेक्स्ट जनरेशन फास्ट पेट्रोल वेसल्स, और ऑफशोर पेट्रोल वेसल्स जैसी प्रमुख सैन्य तकनीक शामिल हैं। इसके चलते ये डिफेंस स्टॉक फिर से फोकस में आ गए हैं।
ब्रोकरेज फर्म एंटीक ब्रोकिंग ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, भारत डायनेमिक्स मझगांव डॉक और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स के शेयर को ‘Buy’ रेटिंग दी है। फर्म का मानना है कि प्रपोजल्स की मंजूरी घरेलू इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा मौका और इससे इन डिफेंस कंपनियों को काफी लाभ मिल सकता है।
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