Bharti airtel Share: टेलीकॉम सेक्टर की दिग्गज कंपनी भारती एयरटेल के लिए गुरुवार का दिन बेहद खास रहा। सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन इस कंपनी के शेयर ने ऑल टाइम हाई को टच किया। दरअसल, ट्रेडिंग के दौरान इस शेयर की कीमत 1711 रुपये तक पहुंच गई। वहीं, कंपनी का मार्केट कैपिटल ₹10 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया। इसी के साथ एयरटेल इस मुकाम को हासिल करने वाली चौथी भारतीय कंपनी बन गई है। एयरटेल के शेयर की क्लोजिंग 0.75% बढ़त के साथ 1665.05 रुपये पर हुई। एयरटेल के शेयर में साल-दर-साल 62% की बढ़त देखी गई। इसकी तुलना में बेंचमार्क निफ्टी में 17% की बढ़ोतरी हुई है।
18 दिन में बढ़ा 1 लाख करोड़ का मार्केट कैप
बता दें कि एयरटेल ने केवल 18 कारोबारी दिन में अपने मार्केट कैपिटल में ₹1 लाख करोड़ की बढ़त देखी है। साल की शुरुआत में मार्केट कैपिटल की टैली में 7वें स्थान पर रहने वाली भारती एयरटेल ने हिंदुस्तान यूनिलीवर, इंफोसिस और आईसीआईसीआई बैंक जैसे नामों को पछाड़ दिया है। मार्केट कैपिटल के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड है। जहां रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैपिटल करीब ₹20 लाख करोड़ है, वहीं सॉफ्टवेयर दिग्गज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) का मार्केट कैपिटल ₹15.6 लाख करोड़ है। सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक ₹13 लाख करोड़ के मार्केट कैपिटल के साथ तीसरे स्थान पर आता है।
ब्रोकरेज का अनुमान
विदेशी ब्रोकरेज जेफरीज के अनुसार कंपनी ने बिजनेस-टू-कंज्यूमर (बी2सी) और बी2बी, दोनों मार्केट के मिडिल/प्रीमियम सेगमेंट में अवसरों पर फोकस किया है और इन सेगमेंट में बढ़ने के लिए अपनी रणनीति स्पष्ट की है। विदेशी ब्रोकरेज ने एयरटेल के शेयर के लिए ₹1970 का टारगेट प्राइस देते हुए “खरीदें” रेटिंग दी है।
एयरटेल के तिमाही नतीजे
जून तिमाही में भारती एयरटेल का प्रॉफिट 2.5 गुना होकर 4,160 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी ने एक साल पहले इसी अवधि में 1,612.5 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था। इस अवधि में कंपनी का भारतीय कारोबार से प्राप्त राजस्व सालाना आधार पर 10.1 प्रतिशत बढ़कर 29,046 करोड़ रुपये हो गया। पिछली तिमाही में भारती एयरटेल का प्रति उपयोगकर्ता मोबाइल औसत राजस्व (एआरपीयू) भारत में बढ़कर 211 रुपये हो गया जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 200 रुपये था। पिछली तिमाही में एयरटेल के कुल ग्राहकों की संख्या 7.3 प्रतिशत बढ़कर 56.75 करोड़ हो गई जबकि भारतीय ग्राहकों की संख्या सात प्रतिशत बढ़कर 40.92 करोड़ हो गई।