सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 19 सितंबर को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले में दाखिल की गई याचिका को क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका को वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल सहित अन्य टेलीकॉम कंपनियों ने दाखिल किया था, जिसमें कहा गया था कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट की ओर से AGR बकाए की कैलकुलेशन में गंभीर गलतियां की गई हैं।
याचिका खारिज होने का सबसे ज्यादा असर वोडाफोन आइडिया (VI) के शेयर में देखने को मिला। VI का शेयर 19.07% गिरकर 10.44 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। दरअसल VI पर वर्तमान में 70,300 करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया है।
सुप्रीम कोर्ट को कोई भी मजबूत मामला नहीं मिला
सुप्रीम कोर्ट ने कहा – उसने क्यूरेटिव याचिकाओं और उससे जुड़े डॉक्युमेंट्स की गहन समीक्षा की है, लेकिन उसे टेलीकॉम कंपनियों की ओर पेश किया गया कोई भी मजबूत मामला नहीं मिला। इस कारण कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज कर रहा है।
अभी सरकार के पास वोडाफोन आइडिया में 23% हिस्सेदारी
सरकार के पास शुरुआत में वोडाफोन आइडिया में 33% हिस्सेदारी थी, जो अब घटकर 23% रह गई है। AGR और स्पेक्ट्रम नीलामी पेमेंट की देरी ब्याज बकाया के कन्वर्जन के बदले में सरकार को शेयर आवंटित किए गए थे।
वोडाफोन आइडिया के मुकाबले एयरटेल पर काफी कम बकाया
IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट बालाजी सुब्रमण्यम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से वोडाफोन आइडिया के लिए वित्तीय मुश्किलें बढ़ गई हैं। ऐसे में एयरटेल को बाजार में अपनी हिस्सेदारी हासिल करने का मौका मिल सकता है। उन्होंने कहा कि अब वोडाफोन आइडिया की स्थिति पर पैनी नजर रखी जाएगी कि क्या कंपनी इस नकारात्मक फैसले के बाद अपनी फंड जुटाने की योजना को पूरा कर पाएगी।
फंड जुटाना कंपनी के लिए बहुत जरूरी हो गया है,क्योंकि इसके बिना वह अपनी कैपिटल एक्पेंडिक्पें चर से जुड़ी योजनाओं को जारी नहीं रख पाएगी। IIFL Securities के अनुसार, भारती एयरटेल पर इस समय 36,000 करोड़ रुपए का AGR बकाया है, जो वोडाफोन आइडिया के मुकाबले काफी कम है।
एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू क्या होता है?
एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू सरकार और टेलीकॉम ऑपरेटर्स के बीच रेवेन्यू शेयरिंग का एक मैकेनिज्म है। इस मैकेनिज्म के तहत ऑपरेटर्स टेलीकॉम डिपार्टमेंट को एक तय लाइसेंसिंग फीस और स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज का पेमेंट करना होता है। DoT फीस की कैलकुलेशन AGR के प्रतिशत के रूप में करता है। हालांकि AGR की परिभाषा हमेशा से विवादों में रही है।
पहली तिमाही में VI को लॉस लेकिन पिछले साल से 18% कम
वोडाफोन-आइडिया (VI) को वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 6,432 करोड़ रुपए का कॉन्सोलिडेटेड लॉस हुआ। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 7,840 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सालाना आधार पर VI के नुकसान में 17.96% की कमी आई रहा।
अप्रैल-जून तिमाही में वोडाफोन-आइडिया का कॉसॉलिडेटेड ऑपरेशनल रेवेन्यू सालाना आधार पर 1.3% कम होकर 10,508.30 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 10,655.50 करोड़ रुपए रहा था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है।