एंजल वन के सीनिटर वाइस प्रेसीडेंट (रिसर्च) अमर देव सिंह ने मनीकंट्रोल को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा है कि अमेरिका में उधारी लागत लगभग दो दशकों में अपने उच्चतम स्तर पर है, इसलिए बाजार 2025 के अंत तक अमेरिकी फेडरल रिजर्व से 250 बेसिस प्वाइंट के ढील की उम्मीद कर रहे हैं। उनके मुताबित 2 कारकों पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। इन कारकों में अमेरिकी सीपीआई डेटा और अमेरिकी नौकरियों के डेटा शामिल हैं। क्योंकि ये डेटा प्रस्तावित दर कटौती चक्र की गति और अवधि तय करेंगे।
अमर देव ने आगे कहा कि विभिन्न सेक्टरों पर नजर डालें तो ज्वेलरी सेक्टर में आने वाले वर्षों में काफी संभावनाएं दिख रही हैं। लेकिन साथ ही निवेशकों को यह भी ध्यान में रखना होगा कि यह सेक्टर अन्य सेक्टरों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक वोलेटाइल है।
वर्तमान आर्थिक आंकड़ों को देखते हुए, क्या आपको अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है?
इसके जवाब में अमर देव ने कहा कि घरेलू और ग्लोबल निवेशकों के बीच इस बात की उम्मीदें बहुत अधिक हैं कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अब दरों में कटौती का चक्र शुरू करेगा। बाजार को 25 से लेकर 50 बेसिस प्वाइंट तक की दर कटौती की उम्मीद है। अमेरिकी महंगाई 3 फीसदी से नीचे आ गई है जिससे दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ी है। लगभग दो दशकों में अमेरिकी उधारी लागत अपने उच्चतम स्तर पर होने के साथ बाजार 2025 के अंत तक दरों 250 बेसिस प्वाइंट की कटौती का अनुमान लगा रहे हैं।
क्या आपकी ईएमएस की ग्रोथ स्टोरी में निवेश की सलाह है?
भारतीय ईएमएस बाजार में डबल डिजिट ग्रोथ जारी रहने की उम्मीद है। सरकार की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को सपोर्ट कर रही है। वित्त वर्ष 2023 में घरेलू उत्पादन 100 अरब डॉलर के निशान को पार कर गया है। मोबाइल फोन, टेलीकॉम और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स ने इस सेक्टर के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई है। ऐसे में भारत की ग्रोथ स्टोरी को देखते हुए, आने वाले वर्षों में ईएमएस सेक्टर में निवेश का तमाम अवसर मिलेंगे। हालांकि, निवेशकों को अपने निवेश में सेलेक्टिव होने की जरूरत है क्योंकि ऐसी कंपनियों के कई शेयर इस समय काफी महंगे दिख रहे हैं।
क्या आपने AI सेक्टर में अच्छे अवसर को देखते हुए टेक्नोलॉजी शेयरों में बड़ा निवेश करना शुरू कर दिया है?
इस पर अमर देव ने कहा कि टेक्नोलॉजी ने हमेशा किसी भी उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। AI और बिग डेटा के विकास से सभी उद्योगों के लिए खेल पूरी तरह से बदल गया है। अब प्रतिस्पर्धा के बढ़ने के साथ इंडस्ट्री नाटकीय रूप से बदलते कारोबारी माहोल को अनदेखा नहीं कर सकती। इस दशक में केवल वे ही कंपनियां बची रहेंगी और आगे बढ़ेंगी जो अपने कारोबार की प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए और अपने ग्राहकों को समझने के लिए AI और बिग डेटा की शक्ति का फायदा उठा पाएंगी।
ऐसे में टेक्नोलॉजी कंपनियां जो विभिन्न क्षेत्रों की सेवा के लिए ज्ञान का आधार और कौशल बना सकती हैं वे अछा करती दिखेंगी। लेकिन उनके लिए भी यह आसान नहीं होगा क्योंकि टेक्नोलॉजी हर गुजरते दिन के साथ विकसित होती रहती है। लेकिन जिन कंपनियों में नई चीजें सीखने और समय के मुताबिक बदलने की क्षमता होगी वे अच्छा करेंगी । इसलिए,यह ऐसा समय है जब निवेशक इस सेक्टर की कंपनियों की ओर रुख करना शुरू करें, लेकिन बाजार की मौजूदा स्थिति में बहुत एग्रेसिव होकर निवेश न करें।
अगर बेंचमार्क इंडेक्स अगस्त के निचले स्तर को तोड़ता है तो क्या आप बाजार को लेकर चिंतित होंगे?
इस पर अमर देव ने कहा कि में इस समय कई फैक्टर चिंता की वजह बने हुए हैं। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी फेड की ब्याज दरों में कटौती की संभावना, ये सभी वर्तमान में बाजारों पर भारी पड़ रहे हैं। इन सबके बावजूद, घरेलू और एफपीआई दोनों तरह के निवेशों में मजबूती कारण बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार कर रहे हैं।
तकनीकी रूप से कहें तो निफ्टी को 24,800-25,000 के आसपास बहुत मजबूत सपोर्ट हासिल है जबकि इसके लिए तत्काल रजिस्टेंस 25,500-25,600 के आसपास नजर आ रहा है। बाजार में बुल्स का पलड़ा भारी है। हालांकि, अमेरिकी FOMC बैठक के बाद बाजार किस तरह से प्रतिक्रिया करते हैं, यह निवेशकों के बीच चिंता का विषय हो सकता है। इसलिए, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी पोजीशन को हल्का रखें और वेट एंड वॉच मोड में रहें।
क्या आपको ज्वेलरी सेक्टर में तेजी का रुझान दिख रहा है?
इस पर अपनी राय देते हुए अमर देव ने कहा कि ज्वोलरी सेक्टर के अधिकांश शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिली है। इनमें टाइटन जैसे शेयर पिछले कुछ सालों में कई गुना मुनाफा दे चुके है। सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार कर रही हैं और निकट भविष्य में आने वाले त्यौहारी सीजन के साथ मांग में तेजी आने की उम्मीद है। लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि उच्च कीमतें मांग को कैसे प्रभावित करती हैं। कुल मिलाकर ज्वेलरी सेक्टर में आने वाले वर्षों में काफी संभावनाएं दिख रही हैं। लेकिन साथ ही निवेशकों को यह भी ध्यान में रखना होगा कि यह सेक्टर अन्य सेक्टरों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक वोलेटाइल है।
क्या आपको पेंट सेक्टर में और भी उछाल की उम्मीद है?
इस सवाल को जवाब में अमर देव ने कहा कि भारत के पेंट उद्योग में अगले 5-6 सालों में 10 फीसदी सालाना से कम ग्रोथ की उम्मीद है। पेंट बाजार 2029 तक 15 अरब डॉलर तक का हो जाएगा। इस सेक्टर में बिरला के कदम रखने के साथ प्रतिस्पर्धा और बढ़ गई है। आगे अधिकांश बड़े खिलाड़ियों के लिए विकास के अवसर हैं। चूंकि पेंट पेट्रोकेमिकल्स से बनते हैं। इसलिए कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से इनपुट और कच्चे माल की लागत में कमी आती है, जिससे पेंट कंपनियों के मार्जिन को बढ़ाने में मदद मिलती है। जो कंपनियां इसका बेहतर लाभ उठा पाएंगी वे अधिक लाभ कमा सकती हैं। निवेशक इस सेक्टर के लिए पॉजिटिव नजरिया रख सकते है। इस सेक्टर के क्वालिटी शेयरों में लंबी अवधि के लिए निवेश करें।
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