सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGBs) की शुरुआती सीरीज वाली यूनिट्स में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। पांच साल पहले जारी की गई इस सीरीज में रिटर्न दोगुने से भी ज्यादा हो गया है यानी इस सीरीज में निवेश करने वालों को शानदार रिटर्न मिला है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकारी बॉन्ड है और इसे रिजर्व बैंक ने जारी किया है। इसकी अवधि 8 साल है। हालांकि, लॉक इन पीरियड 5 साल का है। इसका मतलब है कि निवेशक अगर चाहें, तो 5 साल के बाद उनके पास इससे बाहर निकलने का मौका होता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्टॉक एक्सचेंजों में भी लिस्टेड हैं, लेकिन उनकी ट्रेडिंग काफी कम होती है। हालांकि, इससे बाहर निकलने के लिए रिजर्व बैंक (RBI) पांचवें, छठे और सातवें साल में बायबैक फैसिलिटी उपलब्ध कराता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की दो सीरीज-SGB 2016-17 सीरीज IV और SGB 2019-20 Series IV के शुरुआती रिडेम्प्शन की तारीख 17 सितंबर 2024 को थी।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की 2016-17 सीरीज 17 मार्च 2017 को जारी की गई थी, जिसका इश्यू प्राइस 2,943 रुपये था। कुल 7.5 साल के अंत में प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस 7,196 करोड़ रुपये था। एक और गोल्ड बॉन्ड ‘SGB 2019-20 Series IV’ को 17 सितंबर 2019 लॉन्च किया दया था, जिसका इश्यू प्राइस 3,890 रुपये था। रिजर्व बैंक ने 5 साल के बाद इसका रिडेम्प्शन प्राइस 7,278 रुपये रखा है।
ये बॉन्ड्स सबसे पहले नवंबर 2015 में लॉन्च किए गए थे और उसके बाद कई चरणों में इसकी बिक्री हो चुकी है। जो निवेशक तय अवधि से पहले इससे निकलना चाहते हैं, वें पांचवें, छठे और सांतवें साल में बायबैक फैसिलिटी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यूनिटहोल्डर्स रिजर्व बैंक के रिसीविंग ऑफिस, NSDL, CDSL और RBI रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म के जरिये रिडेम्प्शन के लिए अनुरोध कर सकते हैं।
SGB यूनिट्स के रिडेम्प्शन का तरीका
आप अपने उस एजेंट, बैंक या पोस्ट ऑफिस को इस बारे में बता सकते हैं, जहां से आपने ये बॉन्ड खरीदे थे। रिडेम्प्शन का अनुरोध इंटरेस्ट पेमेंट डेट से कम से कम 10 दिन पहले करें। रिजर्व बैंक द्वारा प्री-मैच्योर रिडेम्प्शन रिक्वेस्ट कूपन पेआउट डेट से एक महीना पहले स्वीकार किया जाता है।