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अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रा का कर्ज घटा, 3831 करोड़ से कम होकर रह गया सिर्फ ₹475 करोड़

 

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (रिलायंस इंफ्रा) ने घोषणा की है कि इन्वेंट असेट सेक्योरिटाइजेशन एंड रीकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी बकाया राशि वसूलने के लिए कुछ प्रतिभूतियों का नवीकरण किया है. यह एक अहम कदम माना जा रहा है, क्योंकि रिलायंस इंफ्रा ने पहले ही एलआईसी, Edelweiss Asset Reconstruction Company Ltd, आईसीआईसीआई और यूनियन बैंक का बकाया चुका दिया है.

रिलायंस इंफ्रा ने कहा कि इसका कर्ज घटकर 475 करोड़ रुपये पर आ चुका है, जबकि नेट वर्थ इस वक्त 9041 करोड़ रुपये है. इस खबर से रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में उछाल देखने को मिला है.  कंपनी के शेयर बुधवार को 18.8 रुपये या 8 फीसदी तक उछले हैं और 254.40 रुपये के लेवल पर पहुंच गए.

रिलायंस पावर का कर्ज हुआ जीरो

एक दिन पहले ही रिलायंस पावर लिमिटेड की तरफ से घोषणा की गई थी कि कंपनी ने विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड (VIPL) के लिए गारंटर के रुप में अपनी सभी जिम्मेदारियों का निपटारा कर दिया है. कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार इस निपटारे से कंपनी वीआईपीएल के 3872.04 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज की कॉर्पोरेट गारंटी, अंडरटेकिंग्स और इससे जुड़े तमाम दायित्वों और क्लेम को मुक्त हो गई है.

रिलायंस पावर ने सीएफएम एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (CFM) के साथ चल रहे तमाम विवादों का निपटारा कर लिया है. इस समझौते के तहत रिलायंस पावर की तरफ से दी गई कॉर्पोरेट गारंटी के बदले वीआईपीएल के 100% शेयर सीएफएम के पास गिरवी रख दिए गए हैं और रिलायंस पावर अपने दायित्वों से मुक्त हो गई है.

रिलायंस पावर लिमिटेड अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप का हिस्सा है. यह भारत की एक बड़ी प्राइवेट पावर जनरेशन और कोयला रिसॉर्सेज कंपनी है. रिलायंस पायवर के पास कोयला, गैस, हाइड्रो और ग्रीन एनर्जी में प्राइवेट सेक्टर में बिजली प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा पोर्टफोलियो है, जिसकी कमीशन कैपेसिटी लगभग 5300 मेगावाट है.

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