ऑटोमोटिव कंपोनेंट बनाने वाली संवर्धना मदरसन इजराइल की कंपनी REE ऑटोमोटिव लिमिटेड हिस्सेदारी ले रही है। कंपनी ने फुली डायल्यूटेड बेसिस पर 11 प्रतिशत और नॉन-डायल्यूटेड बेसिस पर 19 प्रतिशत हिस्सेदारी की खरीद की घोषणा की है। इस डील के लिए संवर्धना मदरसन 1.5 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि वह REE ऑटोमोटिव लिमिटेड के 36.39 लाख क्लास ए ऑर्डिनरी शेयरों को 4.122 डॉलर प्रति शेयर की कीमत पर सब्सक्राइब करेगी।
यह लेन-देन संवर्धना मदरसन के पूर्ण मालिकाना हक वाली सहायक कंपनी MSSL कंसोलिडेटेड इंक या उसके सहयोगियों के माध्यम से किया जाएगा। REE ऑटोमोटिव नैस्डैक में लिस्टेड है। यह लास्ट माइल डिलीवरी में एप्लीकेशंस के साथ कमर्शियल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए मॉड्यूल और कंप्लीट मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म में विभिन्न व्हीकल कंपोनेंट्स के डिजाइन, डेवलपमेंट और इंटीग्रेशन में लगी हुई है। कंपनी के पास वैश्विक स्तर पर रजिस्टर्ड और पेंडिंग 175 पेटेंट का पोर्टफोलियो है, जो स्टीयरिंग, ब्रेक, सस्पेंशन और पावरट्रेन कंट्रोल जैसे जरूरी व्हीकल सिस्टम्स को एक सिंगल, कॉम्पैक्ट मॉड्यूल में इंटीग्रेट करते हैं।
सप्लाई चेन मैनेजमेंट एग्रीमेंट भी होगा
संवर्धना मदरसन, REE ऑटोमोटिव के साथ एक सप्लाई चेन मैनेजमेंट एग्रीमेंट भी करेगी। इस समझौते के बाद संवर्धना मदरसन REE के लिए मॉड्यूल की सोर्सिंग, मैनेजिंग और इंटीग्रेशन सहित पूरी सप्लाई चेन को मैनेज करने के लिए एक्सक्लूसिव पार्टनर होगी। REE ऑटोमोटिव के पास वर्तमान में 2025 तक एक्जीक्यूशन के लिए लगभग 600 ट्रकों की ऑर्डर बुक है। वर्तमान में यूके के कोवेंट्री और ऑस्टिन, टेक्सास में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। नकद लेनदेन अगले 30 दिनों के अंदर पूरा हो सकता है।
Samvardhana Motherson शेयर पर ‘सेल’ रेटिंग
संवर्धना मदरसन इंटरनेशनल का शेयर बीएसई पर शुक्रवार, 13 सितंबर को 190.55 रुपये पर बंद हुआ था। कंपनी का मार्केट कैप 1.29 लाख करोड़ रुपये है। शेयर ने पिछले 6 महीने में करीब 73 प्रतिशत की तेजी देखी है। ब्रोकरेज फर्म सिटी ने संवर्धना मदरसन के शेयरों पर ‘सेल’ रेटिंग दी है। टारगेट प्राइस 105 रुपये प्रति शेयर तय किया है। ब्रोकरेज का मानना है कि आगे के कर्ज से कंपनी की बैलेंस शीट पर दबाव पड़ सकता है। यह पहले ही 16,000 करोड़ रुपये के शुद्ध कर्ज के बोझ तले दबी हुई है। इक्विटी रूट के जरिए फंड जुटाने से इसकी प्रति शेयर आय (ईपीएस) में कमी आ सकती है।