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Ganesh Visarjan: गणपति मूर्ति को पहनाई 4 लाख की सोने की चेन, कर दिया विसर्जन, बाद में पूरे तालाब का पानी खाली कराया

देश भर में गणपति की धूम मची हुई है। महाराष्ट्र में यह धूम कुछ ज्यादा रहती है। कुछ गणपति का विसर्जन भी होने लगा है। 5 दिन के सभी गणपति का विसर्जन हो चुका है। विसर्जन से जुड़ा बेंगलुरु से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। इस सुनते ही हर कोई हैरान रह गया। आईटी सिटी में एक दंपति ने घर पर गणेश मूर्ति स्थापित की। इसके बाद घर पर रखी 4 लाख रुपये की सोने की चेन गणेश जी को पहना दिया। फिर परिवार के लोग भूल गए कि गणेश जी को चेन पहनाई गई है। मूर्ति का विसर्जन कर दिया गया। करीब एक घंटे बाद परिवार को सोने की चेन के बारे में याद आया।

आनन-फानन में चेन की खोज शुरू हुई। आखिरकर 10 घंटे की खोज के बाद चेन निकाली गई। इस दौरान लगभग 10,000 लीटर पानी भी पंप करके निकाला गया। यह घटना विजयनगर के दशरहल्ली सर्किल में हुई। गोविंदराजनगर के पास मचोहल्ली क्रॉस के शिक्षक दंपति रामैया और उमादेवी ने बताया कि उन्होंने अपने घर में गणेश की मूर्ति स्थापित की थी और उसे फूलों और अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाया था।

आर्टिफिशियल चेन समझकर लोगों ने नहीं उठाया

दरअसल, 7 सितंबर को पूजा के बाद परिवार के लोग मूर्ति को रात करीब 9.15 बजे एक मोबाइल टैंक में विसर्जित करने के लिए ले गए। लेकिन, वे सोने की चेन निकालना भूल गए। रात करीब 10 बजे घर लौटने पर उन्हें याद आया कि सोने की चेन तो मूर्ति के साथ विसर्जित हो गई है। इसके बाद आनन-फानन दंपती रात 10.30 बजे मोबाइल टैंक पर वापस पहुंचे। उन्होंने वहां विसर्जन के लिए तैनात किए गए युवकों से सोने की चेन के बारे में पूछताछ की। इस दौरान लोगों ने दंपती को बताया कि उन्होंने मूर्ति पर चेन देखी थी। लेकिन उन्हें लगा कि वो अर्टिफिशियल होगी। लिहाजा उन्होंने चेन के साथ मूर्ति को विसर्जित कर दिया।

10 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद मिली सोने की चेन

इसके बाद दंपति ने पुलिस से सहायता मांगी। इसके साथ ही गोविंदराजनगर की विधायक प्रिया कृष्णा से संपर्क किया और उनसे मदद मांगी। कृष्णा ने दशरहल्ली सर्किल पर मोबाइल टैंक बनाने वाले ठेकेदार लंकेश डी से बात की। ठेकेदार ने आर्टिफिशियल टैंक में भरा 10,000 लीटर पानी खाली करा दिया। रात भर टैंक में सोने की चेन खोजते रहे, लेकिन सफलता नहीं मिली।

इसके बाद चेन को खोजने के लिए 10 लोगों को बुलाया गया। टैंक में करीब 300 मूर्तियां विसर्जित की गई थी। लिहाजा मिट्टी बहुत ज्यादा एकत्र हो गई थी। ऐसे में मिट्टी के बीच सोने की चेन ढूंढ़ने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। आखिरकार बाद में सोने की चेन मिल गई। दंपति को सोने की चेन वापस कर दी गई।

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