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खराब लिस्टिंग के मिनटों बाद ही शेयर पर टूटे निवेशक, अब नहीं है कोई बेचने को तैयार, लगा अपर सर्किट, ₹239 पर आया भाव

 

Tolins Tyres Listing: टायर बनाने वाली कंपनी टॉलिन्स टायर्स आईपीओ आज शेयर बाजार में लिस्ट हो गया। कंपनी के शेयरों की बीएसई और एनएसई पर फ्लैट लिस्टिंग हुई। टोलिंस टायर्स के शेयर सोमवार 16 सितंबर को एनएसई पर 228 रुपये पर म्यूट मार्केट डेब्यू किया। यह आईपीओ प्राइस 226 रुपये के मुकाबले मात्र 1% प्रीमियम पर रहा। वहीं, बीएसई पर यह शेयर 227 रुपये पर लिस्ट हुआ। हालांकि, खराब लिस्टिंग के बाद इंट्रा डे में इस शेयर में 5% का अपर सर्किट लग गया और यह 239.40 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गया था। एनएसई पर इस शेयर में दोपहर 1 बजे के आसपास सिर्फ बायर्स नजर आ रहे थे। इस शेयर पर बाय क्वांटिटी 3,88,683 देखा गया जबकि सेल क्वांलिटी एक भी नहीं नजर आ रहा था। इसका मतलब है कि इस शेयर को सिर्फ खरीदा जा रहा है, इसे बेचा नहीं जा रहा है। बता दें कि कंपनी ने अपने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 215-226 रुपये प्रति शेयर तय किया था।

23.87 गुना हुआ था सब्सक्राइब

आपको बता दें कि टायर बनाने वाली कंपनी के इस आईपीओ को अंतिम दिन 23.87 गुना सब्सक्राइब किया गया था। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी की शुरुआती शेयर बिक्री में 74,88,372 शेयरों की पेशकश के मुकाबले 17,87,61,066 शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुई थीं। गैर-संस्थागत निवेशकों के खंड को 27.41 गुना अभिदान मिला जबकि पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के हिस्से को 25.42 प्रतिशत सब्सक्राइब किया गया था। खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों के हिस्से को 21.47 गुना सब्सक्राइब किया गया। टॉलिन्स टायर्स लिमिटेड ने निर्गम खुलने के पहले एंकर निवेशकों से 69 करोड़ रुपये जुटाए थे। केरल स्थित कंपनी की शुरुआती शेयर बिक्री 200 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों के नए इश्यू और 30 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) का संयोजन रहा। सैफरन कैपिटल एडवाइजर्स टॉलिन्स टायर्स IPO का बुक रनिंग लीड मैनेजर है, जबकि कैमियो कॉर्पोरेट सर्विसेज़ IPO रजिस्ट्रार है।

9 सितंबर से खुला था इश्यू

यह मेनबोर्ड IPO है। इसकी कीमत ₹230 करोड़ है। यह इश्यू सितंबर 9 से 11, 2024 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। कंपनी आईपीओ से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल अपनी सहायक कंपनी टोलिन रबर्स प्राइवेट लिमिटेड में निवेश करेगी। इससे इसकी छोटी और लंबी अवधि में उधार जरूरतों को पूरा किया जा सके और कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं का समर्थन किया जा सके। बाकी आय सामान्य कॉर्पोरेट खर्चों की ओर निर्देशित की जाएगी।

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