आप हाई वैल्यूएशन की वजह से शेयरों में निवेश करने से डर रहे हैं? अगर हां तो आपके लिए सेक्टोरल एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) निवेश का अच्छा विकल्प हो सकता है। जियोपॉलिटिकल टेंशन के बीच कमोडिटी की कीमतों में उतारचढ़ाव बढ़ा है। इस मौके का फायदा उठाने के लिए निवेशक कमोडिटी सेक्टर से जुड़े ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं।
सेक्टोरल ईटीएफ ऐसा इनवेस्टमेंट फंड है जो इकोनॉमी के किसी खास सेक्टर को ट्रैक करता है। इनमें ऑयल एंड गैस, मेटल या टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर शामिल होते हैं। सेक्टोरल फंड सेक्टोरल इंडेक्स के प्रदर्शन के मुताबिक रिटर्न देने की कोशिश करता है। इससे निवेशक को किसी खास सेक्टर में निवेश का फायदा मिलता है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी में इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी के प्रिंसिपल चिंतन हरिया ने कहा कि अभी निवेशकों को सेक्टोरल इंडेक्स खासकर ऑयल एंड गैस और मेटल सेक्टर से जुड़े ईटीएफ में निवेश करना चाहिए। मध्यपूर्व में चल रहे तनाव का अभी ऑयल एंड गैस और मेटल की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। लेकिन, इससे ट्रांसपोर्टेशन खासकर लाल सागर (red sea) के रास्ते गुड्स की ढुलाई में बाधा आई है। इससे कमोडिटीज की कीमतों में उतारचढ़ाव देखने को मिला है।
हरिया ने कहा, “हालांकि, लंबी अवधि में कीमतों में ज्यादा उछाल की संभावना नहीं है, लेकिन जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से शॉर्ट टर्म में कमोडिटीज की कीमतों में उछाल आ सकता है।” निवेशकों के लिए यह उतारचढ़ाव रिस्क और मौका दोनों है। रिस्क को ठीक से मैनेज करने पर किसी खास इंडस्ट्रीज से जुड़े ईटीएफ का प्रदर्शन अच्छा रहता है।
कई ऐसे सेक्टोरल ईटीएफ मार्केट में उपलब्ध हैं, जो निवेशकों को किसी खास सेक्टर में निवेश के मौकों का फायदा उठाने में मदद करते हैं। इनमें ICICI Prudential Nifty Oil & Gas ETF और ICICI Prudential Nifty Metal ETF शामिल हैं। इन दोनों ईटीफ का फोकस ऑयल एंड गैस सेक्टर और मेटल सेक्टर पर है। निवेशक इनमें निवेश कर इन सेक्टर में ग्रोथ के मौकों का फायदा उठा सकते हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ अच्छी है। इससे ऑयल, गैस और मेटल सेक्टर का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद है। हरिया ने कहा कि इंडिया 2025 तक 5 ट्रिलियन (लाख करोड़) डॉलर की इकोनॉमी बनने जा रहा है। इससे मेटल सहित कई सेक्टर में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगी। इंडस्ट्रियलाइजेशन और अर्बनाइजेशन बढ़ रहा है। इससे मेटल की डिमांड बढ़ेगी। घरेलू बाजार में एनर्जी की खपत बढ़ रही है। इसका फायदा ऑयल एंड गैस सेक्टर को मिलेगा। निवेशक सेक्टोरल ईटीएफ में निवेश कर इस मौके का फायदा उठा सकते हैं।
हरिया ने कहा कि पिछले कुछ समय से मार्केट में तेजी के बावजूद ऑयल एंड गैस और मेटल सेक्टर का प्रदर्शन कमजोर रहा है। इस सेक्टर में वैल्यूशन दूसरे सेक्टर के मुकाबले कम है। प्राइस-टू-अर्निंग्स और प्राइस-टू-बुक दोनों ही मानकों पर दोनों सेक्टर में निवेश के मौके हैं। ऐसे में कम प्राइस पर निवेश करने पर लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिल सकता है। दूसरा, कमोडिटी इनफ्लेशन के मुकाबले हेजिंग में मददगार है। कमोडिटी आधारित ईटीएफ में निवेश करने से इनफ्लेशन के असर से निवेश को बचाने में भी मदद मिलती है।