HDFC Bank News: प्राइवेट सेक्टर में देश का सबसे बड़ा बैंक HDFC Bank कुछ बैंकों से 8400 करोड़ रुपये (100 करोड़ डॉलर) तक का लोन बेचने के लिए बातचीत कर रहा है। बैंक की यह कोशिश अपने क्रेडिट बुक को हल्का करने और डिपॉजिट के हिसाब से इसे लाने के लिए यह कदम उठा रहा है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग को सूत्रों के हवाले से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक यह बार्कलेज, सिटीग्रुप और जेपीमॉर्गन जैसे दिग्गजों से बाचतीत कर रहा है। इसमें आईसीआईसीआई बैंक भी शामिल है। ब्लूमबर्ग की एक पूर्व रिपोर्ट के मुताबिक इसके अलावा एचडीएफसी बैंक लोन एसेट मैनेजमेंट कंपनियों से भी 10 हजार करोड़ रुपये तक का लोन बेचने के लिए बातचीत कर रहा है। बैंक पहले ही जून में 5 हजार करोड़ रुपये का लोन बेच चुका है लेकिन खरीदार का खुलासा नहीं हो पाया है।
पास थ्रू सर्टिफिकेट के जरिए होगी बिक्री
एचडीएफसी बैंक अपने क्रेडिट बुक को हल्का करने के लिए दुनिया भर के कई दिग्गज बैंकों से बाचतीत कर रहा है। हालांकि लोन पोर्टफोलियो के बिक्री का जो प्रस्ताव है, उसकी शर्तों पर अभी अंतिम बात नहीं बनी है लेकिन सूत्र के मुताबिक यह पास थ्रू सर्टिफिकेट के जरिए हो सकता है। पास थ्रू सर्टिफिकेट एक डेट इंस्ट्रूमेंट है।
लोन की तेज ग्रोथ की दिक्कतों से जूझ रहे भारतीय बैंक
भारतीय बैंकों पर अपने क्रेडिट और डिपॉजिट का रेश्यो सुधारने का नियामकीय दबाव बढ़ रहा है। इसके तहत यह तय होता है कि डिपॉजिट की तुलना में बैंक कितना लोन बांट सकते हैं। लोन की बिक्री से एचडीएफसी को यह रेश्यो सुधारने में मदद मिलेगी। हालिया वर्षों में डिपॉजिट्स की तुलना में क्रेडिट की ग्रोथ तेजी से बढ़ी है। आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक भारतीय बैंकों का डिपॉजिट 23 अगस्त तक सालाना 11 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी जोकि 14 फीसदी के लोन ग्रोथ की तुलना में सुस्त है। आरबीआई ने अगस्त में कहा था कि डिपॉजिट की तुलना में क्रेडिट की अधिक ग्रोथ से स्ट्रक्चरल लिक्विडिटी की समस्या आ सकती है।
HDFC Bank की क्या है स्थिति?
मूडीज रेटिंग की एक इकाई इक्रा की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च तिमाही में आखिरी में एचडीएफसी बैंक का क्रेडिट और डिपॉजिट का रेश्यो 104 फीसदी था जोकि पिछले तीन वित्त वर्षों में 85 फीसदी से 88 फीसदी के बीच था। इस रेश्यो में एकाएक तेज उछाल आई क्योंकि पिछले साल एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक का विलय हुआ था जून 2024 में बैंक का ग्रॉस एडवांसेज सालाना आधार पर 52.6 फीसदी उछलकर 24.9 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।