सेंसेक्स और निफ्टी 12 सितंबर को अनुमान के उलट रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए। शेयर बाजार की इस तेजी में एक IPO की अहम भूमिका रही। शुरुआती कारोबार में निफ्टी 25,000 के आंकड़ों को पार करने के लिए संघर्ष कर रहा था, लेकिन 2 बजे के बाद बाजार एकतरफा हो गया। बजाज हाउसिंग फाइनेंस के अलावा दो और कंपनियों के IPO ने इस बढ़त में अहम भूमिका निभाई।
बजाज हाउसिंग फाइनेंस के IPO के लिए 3.24 लाख करोड़ रुपये की बिड सौंपी गई, जिसके जरिये 6,560 करोड़ रुपये जुटाने का इरादा था। दो अन्य IPO- क्रॉस (Kross) और टॉलिन्स टायर्स (Tollins Tyres) को भी शानदार सब्सक्रिप्शन मिला। इन IPO में तकरीबन 4 लाख करोड़ रुपये का वेल्थ ब्लॉक हुआ।
ASBA सिस्टम के मुताबिक, IPO के लिए ऐप्लिकेशन देते वक्त संबंधित रकम बैंक खाते में ब्लॉक हो जाती है और इसका इस्तेमाल कहीं और नहीं किया जा सकता। अगर IPO का आवंटन होता है, तो रकम डेबिट हो जाती है। आवंटन नहीं होने पर बैंक खाते में ब्लॉक हुई रकम तत्काल मुक्त हो जाती है। मुमकिन है कि इस मुक्त हुई रकम को बाजार में लगाया गया हो और निफ्टी व सेंसेक्स में तेजी के लिए गुंजाइश बनी हो।
शेयर बाजार में 12 सितंबर को हुई बढ़ोतरी में लार्ज कैप शेयरों की अहम भूमिका रही। बाजार की तेजी में रिलायंस इंडस्ट्रीज, HDFC बैंक, भारती एयरटेल, इंफोसिस, SBI का अहम योगदान रहा। निफ्टी 50 इंडेक्स में शामिल सभी कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। 12 सितंबर को निफ्टी 50 के लिए वीकली एक्सपायरी का दिन था और रिकसवरी में इस घटनाक्रम का भी योगदान रहा।