देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) अब ग्लोबल खिलाड़ी बनने की तैयारी में है। इंडिगो अब सिर्फ डोमेस्टिक एयरलाइन बनकर नहीं रहना चाहती। देश के कुल डोमेस्टिक एयर ट्रैफिक में इंडिगो की हिस्सेदारी 60 पर्सेंट से भी ज्यादा है। एयरलाइन के CEO पीटर एलबर्स ने इंडिगो के इंटरनेशनल एक्सपैंशन को लेकर अपना प्लान साझा किया है। उन्होंने कहा कि इंडिगो का इरादा 2030 तक ग्लोबल एयरलाइन बनना है।
इंडिगो के CEO पीटर एलबर्स ने सीएनबीसी-टीवी 18 से बातचीत में कहा, ‘ भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी होगा। यह और मजबूत होगा और कई अन्य देशों से बेहतर तरीके से जुड़ा होगा। इसके लिए एयरलाइन का विस्तार करने की जरूरत है, ताकि यह ग्लोबल लेवल पर बाकी एयरलाइंस से कॉम्पिटिशन करते हुए काम कर सके। लिहाजा, हमारा मापदंड यह होना चाहिए कि हम सिर्फ डोमेस्टिक के बजाय पूरे ग्लोबल लेवल पर बेहतर काम करने पर फोकस करें। हमने पिछले 2 साल में जो सभी फैसले लिए हैं, उसका मकसद 2030 तक ग्लोबल एयरलाइन बनना है।’
बहरहाल, कंपनी के CEO का कहना था कि इस एजेंडे की वजह से एयरलाइन अपने कोर बिजनेस यानी डोमेस्टिक मार्केट से फोकस नहीं हटाएगी। उनके मुताबिक, एयरलाइन कंपनी अपने मौजूदा 40 प्लेन में बिजनेस क्लास को शामिल करेगी। साथ ही, लॉन्ग रेंज A321 XLRs और वाइड-बॉडी A350s को शामिल करने से डोमेस्टिक ट्रैफिक के साथ-साथ ग्लोबल रीच को भी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इंडिगो की शुरुआत लो-कॉस्ट मॉडल के तौर पर हुई थी और इसने भारतीय पैसेंजर्स को सस्ती और भरोसेमंद ट्रैवल सेवा मुहैया कराई। कंपनी के CEO का कहना था कि एयरलाइन कंपनी भारतीय मुसाफिरों को सस्ती ट्रैवल सर्विस मुहैया कराने के अपने मूल मंत्र को नहीं छोड़ेगी, बल्कि उन ग्राहकों को और विकल्प उपलब्ध कराएगी, जो ज्यादा पैसे खर्च करने को तैयार हैं।