ब्रोकरेज फर्मों ने अगस्त में जिन 10 शेयरों को डाउनग्रेड किया , उनमें टाटा समूह की तीन कंपनियां शामिल हैं। इस लिस्ट में पहले नंबर पर टाटा स्टील है। इस स्टॉक को खरीदने की सलाह देने वाले ब्रोकरेज फर्मों की संख्या 25 से घटकर सिर्फ 14 रह गई है। पिछले 12 महीनों में टाइटन और टाटा मोटर्स को भी कई ब्रोकरेज फर्मों ने डाउनग्रेड किया है। सवाल है कि क्या टाटा समूह के शेयरों की चमक फीकी पड़ रही है?
चीन से स्टील के सस्ते आयात का असर दुनियाभर में स्टील की कीमतों पर पड़ा है। इससे टाटा स्टील के मार्जिन में भी कमी आई है। नवंबर से यह स्टॉक 32 फीसदी चढ़ चुका है। अब एनालिस्ट्स के मुताबिक, रिस्क-रिवॉर्ड के लिहाज से यह स्टॉक अट्रैक्टिव नहीं दिख रहा। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को मिनरल राइट्स पर टैक्स लगाने का अधिकार दे दिया है। इससे Tata Steel को ओडिशा सरकार को 17,347 करोड़ रुपये चुकाना पड़ सकता है। राज्य की टैक्स लेवी की सीमा तय करने के लिए जब तक MMDR Act में संशोधन नहीं हो जाता, टाटा स्टील पर यह टैक्स लायबिलिटी बनी रहेगी।
टाटा स्टील का नेट डेट 4,600 करोड़ रुपये बढ़कर 82,160 करोड़ रुपये हो गया है। नेट डेट और EBITDA का रेशियो 3.3 गुना है। इंडियन बिजनेस से कंपनी का मुनाफा बढ़ सकता है, लेकिन Tata Steel Uk, Tata Steel Netherlands को लेकर चुनाती बनी हुई है।
जेपी मॉर्गन ने कहा है कि शॉर्ट टर्म में Titan को कमजोर डिमांड का सामना करना पड़ सकता है। गोल्ड की कीमतें हाई लेवल पर हैं और स्टडेड ज्वेलरी की ग्रोथ सुस्त पड़ रही है। जेपी मॉर्गन ने इसलिए टाइटन के स्टॉक को ‘ओवरवेट’ से डाउनग्रेड कर ‘न्यूट्रल’ कर दिया है। उसने टारगेट प्राइस भी 3,850 रुपये से घटाकर 3,450 रुपये कर दिया है। मार्केट में प्रतियोगिता बढ़ने और प्रमोशनल एक्टिविटी बढ़ाने का असर कंपनी के मार्जिन पर पड़ सकता है। गोल्डमैन सैक्स ने भी कहा है कि टाइटन को ज्वेलरी मार्जिन पर दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
टाटा मोटर्स को अपने जगुआर लैंडरोवर (JLR) डिवीजन के उत्पादन में बाधा का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही जेएलआर की ग्लोबल डिमांड भी सुस्त है। गर्मी में प्लांट बंद होने और बाढ़ से जुड़े मसलों की वजह से एल्युमीनियम के प्रमुख सप्लायर की तरफ से सप्लाई में दिक्कत आई है। बीते एक साल में Tata Motors का स्टॉक 62 फीसदी चढ़ा है। यह निफ्टी में इस दौरान आई 28 फीसदी तेजी से ज्यादा है। इसलिए एनालिस्ट्स का मानना है कि आगे स्टॉक में सीमित तेजी की संभावना दिख रही है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा है कि जेएलआर में उम्मीद से ज्यादा वॉल्यूम ग्रोथ और कैश जेनरेशन में संभावित कमी का असर टाटा मोटर्स के फाइनेंशियल आउटलुक पर पड़ सकता है।