Mach Conferences and Events IPO Listing: इवेंट आयोजित करने वाली और मीटिंग्स या कॉन्फ्रेंस के लिए जगह मुहैया कराने वाली मच कॉन्फ्रेंसेंज एंड इवेंट्स के शेयरों की आज BSE के SME प्लेटफॉर्म पर धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 196 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 225 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE SME पर इसकी 300 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 33.33 फीसदी का लिस्टिंग गेन (Mach Conferences and Events Listing Gain) मिला। हालांकि आईपीओ निवेशकों की खुशी थोड़ी ही देर में फीकी हो गई जब शेयर टूट गए। टूटकर यह 285.00 रुपये (Mach Conferences and Events Share Price) पर आ गया यानी कि आईपीओ निवेशक अब 26.67 फीसदी मुनाफे में हैं।
Mach Conferences and Events IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस
माच कॉन्फ्रेंसेज एंड इवेंट्स का ₹125.28 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 4-6 सितंबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का शानदार रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 196.70 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 146.66 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 403.69 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 136.49 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत 50.15 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 33.39 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिके हैं। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
Mach Conferences and Events के बारे में
मीटिंग्स, इंसेटिंव्स, कॉन्फ्रेंसेज, एग्जिबिशंस (MICE) और इवेंट्स सेक्टर के लिए सर्विसेज देने वाली माच कॉनफ्रेंसेज एंड इवेंट्स की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी। इसके क्लाइंट्स बैंकिंग, फाइेंस और इंश्योरेंस सेक्टर्स से हैं। इसके अलावा कंपनी ने हॉस्पिटैलिटी, इंफ्रा, एफएमसीजी इत्यादि के लिए भी काम किया है। वित्त वर्ष 2024 में इसने लंदन, मसूरी, बेंगलुरु, दक्षिण कोरिया, पेरिस, गोवा, श्रीनगर, सिंगापुर इत्यादि में 90 इंवेट्स किए हैं और हर इवेंट से इसे औसतन 2.64 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 2.61 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था और अगले वित्त वर्ष 2023 में यह 8.81 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे में आ गई जो अगले वित्त वर्ष 2024 में तेजी से उछलकर 26.18 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 216 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 238.99 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।