बंधन एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) ने बिजनेस साइकिल फंड लॉन्च किया है। इसका एनएफओ 10 सितंबर को खुला है। यह 24 सितंबर को बंद हो जाएगा। बिजनेस साइकिल फंड की संख्या पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। 2020 की शुरुआत में मार्केट में इस तरह का सिर्फ एक फंड था। आज बाजार में ऐसे 13 फंड हैं। यह इकोनॉमी की ग्रोथ का फायदा उठाने की कोशिश करता है।
इकोनॉमी के अलग-अलग फेज का फायदा उठाने पर फोकस
यह फंड इकोनॉमी की अलग-अलग साइकिल के हिसाब से अपने सेक्टर ऐलोकेशन को एडजस्ट करेगा। इससे फंड को इकोनॉमी की अलग-अलग स्थितियों में ग्रोथ के मौकों का फायदा उठाने और रिस्क को मैनेज करने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए एक्सपैंशन फेज में फाइनेंशियल और रियल एस्टेट का प्रदर्शन बेहतर होता है। दूसरी तरफ, इकोनॉमी का प्रदर्शन कमजोर रहने पर कंज्यूमर स्टेपल्स और यूटिलिटीज का प्रदर्शन अच्छा रहता है।
15 फीसदी तक कैश एलोकेशन का प्रावधान
बंधन एएमसी के वाइस प्रेसिडेंट (इक्विटीज) विशाल बिरैया ने कहा, “हम यह बताना चाहेंगे कि किसी दिए गए वक्त पर तीन से पांच टॉप सेक्टर्स के लिए हमारा कम से कम 25 फीसदी डेविएशन होगा। जब हम पोर्टफोलियो बनाते हैं तो फर्क काफी बड़ा होता है।” इस स्कीम के पास 15 फीसदी तक कैश ऐलोकेशन का प्रावधान होगा। बिरैया और रीतिका बेहरा इस स्कीम के फंड मैनेजर होंगे।
पिछले चार साल में अच्छा प्रदर्शन
बिजनेस साइकिल फंडों का थिमैटिक कैटेगरी में पिछले चार साल में अच्छा प्रदर्शन रहा है। 2020 की शुरुआत में ऐसे फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 670 करोड़ रुपये था। यह जुलाई 2024 में बढ़कर 32,322 करोड़ रुपये हो गया। प्रदर्शन के मामले में इस कैटेगरी के फंडों ने बीते तीन साल में निफ्टी 500 टोटल रिटर्न इंडेक्स से बेहतर रिटर्न दिया है। आम तौर पर इस फंड का स्टाइल मल्टी-कैप होता है। निवेश के लिए कंपनियों का चुनाव करने में यह फंड टॉप-डाउन और बॉटम-अप में से दोनों एप्रोच का इस्तेमाल करता है।
इस फंड में क्या है रिस्क
बिजनेस साइकिल अपेक्षाकृत नई कैटेगरी है। इस कैटेगरी में सिर्फ एक स्कीम है, जिसका ट्रैक रिकॉर्ड पांच साल का है। तीन फंड करीब तीन साल पुराने हैं। इस कैटेगरी के ज्यादा फंड पिछले ढाई साल में लॉन्च हुए हैं। वैश्विक इकोनॉमी से जुड़े घटनाक्रम और आर्थिक स्थितियों में बदलाव का असर ऐक्सपैंशन साइकिल पर पड़ सकता है।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्राइवेट सेक्टर और सरकार का पूंजीगत जारी रहने से बिजनेस साइकिल फंड के निवेशकों को लंबी अवधि में अपनी पूंजी में इजाफा के लिहाज से मदद मिलेगी। गेनिंग ग्राउंड इनवेस्टमेंट सर्विसेज के फाउंडर रवि कुमार टीवी ने कहा कि बिजनेस साइकिल कितनी लंबी है, यह बहुत अहम है। इस फंड की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि बिजनेस साइकिल के चरणों के बारे में कितना सही अनुमान लगाया जाता है।
निवेशकों को इस फंड में निवेश करने से पहले यह समझ लेना होगा कि सेक्टोरल और थिमैटिक फंड स्ट्रेटेजीज के साथ काफी रिस्क जुड़ा होता है। दूसरा, बिजनेस साइकिल फंड की कैटेगरी अभी अपनी शुरुआती अवस्था में है। इसलिए निवेशकों को इसकी जगह फ्लेक्सी कैप जैसे डायवर्सिफायड फंड में निवेश करना अच्छा रहेगा।