Ather Energy IPO: आईपीओ लाने की तैयारियों में जुटी इलेक्ट्रिक दोपहिया बनाने वाली कंपनी ऐथर एनर्जी (Ather Energy) अधिकतर खरीदारी घरेल मार्केट से करती है, इसके बावजूद वित्त वर्ष 2024 में लागत में काफी इजाफा हो गया। इसकी वजह ये है कि वित्त वर्ष 2024 में चीन से आयात की लागत बढ़ गई। कुल खर्च में चीन से आयात का खर्च 28 फीसदी उछलकर करीब 442 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। वहीं बाकी 72 फीसदी मैटेरियल्स तो कंपनी तो घरेलू मार्केट से ही जुटाया था। वित्त वर्ष 2023 में मैटेरियल्स पर 157.9 करोड़ रुपये का खर्च आया था जिसमें से चीन से आयात की हिस्सेदारी करीब 10 फीसदी ही थी। वित्त वर्ष 2024 में मैटेरियल्स जुटाने में कंपनी के 1579 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। ऐथर एनर्जी के आईपीओ के तहत 3100 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे और इसके अलावा 2.2 करोड़ शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री होगी।
ऐथर की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी ओला इलेक्ट्रिक को भी यह झटका लगा है। ओला इलेक्ट्रिक के रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में इसका मैटेरियल्स पर खर्च सालाना आधार पर 19 फीसदी से बढ़कर 37 फीसदी पर पहुंच गया।
Ather Energy क्या मंगाती है चीन से?
कंपनी ने सेबी के पास 9 सितंबर को आईपीओ के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस फाइल किया था। इस आईपीओ ड्राफ्ट के मुताबिक कंपनी इलेक्ट्रिक दोपहिया के लिए जरूरी कंपोनेंट्स में शुमार लीथियम-ऑयन सेल पिछले तीन वित्त वर्षों से चीन और दक्षिण कोरिया से मंगा रही है। भारत में बात करें तो इसकी टॉप सप्लायर भारत एफआईएच, जेंगझू बीएके बैट्री, एलजी एनर्जी सॉल्यूशंस, महले इलेक्ट्रिक ड्राइव्स इंडिया, रॉकमैन इंडस्ट्रीज, आईपीईसी इंडिया, ब्रेम्बो ब्रेक इंडिया, गेट्स यूनिटा, गैब्रियल इंडिया और इंडिक ईएमएस इलेक्ट्रॉनिक्स हैं।
ग्लोबल सप्लाई चेन पर चीन का दबदबा
बैट्री सेल्स के लिए भारतीय कंपनियां चीन समेत दुनिया के कुछ और देशों पर निर्भर हैं। मिनरल प्रोसेसिंग से लेकर सेल कंपोनेंट मैनुफैक्चरिंग और सेल मैनुफैक्चरिंग तक चीन का वैश्विक सप्लाई चेन में दबदबा है। हालांकि खास बात ये भी है कि मिनरल्स निकालने पर इसका नियंत्रण कम है। ईवी के लिए लीथियम काफी अहम है और यह मुख्य रूप से बोलिविया, चिली, अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया में है। इसके अलावा ईवी के लिए अहम कोबाल्ट डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में मिलता तो कॉपर पेरू, चिली और ऑस्ट्रेलिया में जबकि निकिल इंडोनेशिया, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया और फिलीप्पींस में।