Vedanta stock crash: माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी- वेदांता लिमिटेड के एल्युमीनियम सहित प्रमुख व्यवसायों का अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियों में विभाजन चालू वित्त वर्ष (2024-25) के अंत तक यानी मार्च 2025 तक होने की संभावना है। इस संबंध में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वेदांता लिमिटेड ने लेंडर्स से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष अपनी कारोबार विभाजन योजना के लिए आवेदन दायर किया है।
एनसीएलटी पर नजर
विभाजन के संभावित समय के बारे में पूछने पर वेदांता के एल्युमीनियम कारोबार के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जॉन स्लैवेन ने कहा- यह हमारे नियंत्रण में नहीं है। यह एनसीएलटी प्रक्रिया है। वे आमतौर पर प्रक्रिया को चलाने में चार से छह महीने का समय लेते हैं। इसलिए चालू वित्त वर्ष के अंत तक होने की उम्मीद है।
विभाजित कारोबार की डिटेल
इकाइयों को अलग करने से एल्युमीनियम, तेल एवं गैस, बिजली, स्टील और लौह सामग्री के अलावा मूल धातु में कारोबार वाली स्वतंत्र कंपनियां अस्तित्व में आएंगी। मौजूदा जिंक और नए ‘इनक्युबेटेड’ कारोबार वेदांता लिमिटेड के अंतर्गत बने रहेंगे।
वेदांता रिर्सोसेज की सब्सिडयरी वेदांता लिमिटेड को अपने कारोबारों को अलग करने के प्रस्ताव के लिए 75 प्रतिशत सुरक्षित कर्जदाताओं से मंजूरी मिल गई है। कारोबार को अलग करने से कंपनी की कॉरपोरेट स्ट्रक्चर को सरल बनाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इससे वैश्विक निवेशकों के सीधे निवेश के लिए आगे आने की भी उम्मीद है।
कंपनी के तिमाही नतीजे
वेदांता का नेट प्रॉफिट 30 जून, 2024 को समाप्त तिमाही में 36.5 प्रतिशत बढ़कर 3,606 करोड़ रुपये रहा। बेहतर मार्जिन और लागत में कमी के कारण कंपनी का प्रॉफिट बढ़ा है। कंपनी ने एक साल पहले इसी अवधि में 2,640 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया था।
शेयर में गिरावट
सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन वेदांता लिमिटेड के शेयर की बात करें तो 3.20% टूटकर 425.90 रुपये पर बंद हुआ। सितंबर 2023 में यह शेयर 207.85 रुपये के स्तर तक आ गया था। यह शेयर के 52 हफ्ते का लो लेवल है।