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Bajaj Housing Finance IPO: दो दिन में ढाई गुना भर गया इश्यू, ग्रे मार्केट से मिल रहे ये संकेत

Bajaj Housing Finance 2nd Subscription: बजाज ग्रुप की नॉन-डिपॉजिट एनबीएफसी बजाज हाउसिंग फाइनेंस के आईपीओ को निवेशकों का शानदार रिस्पांस मिल रहा है। इश्यू खुलने के पहले ही दिन एंप्लॉयीज को छोड़ आईपीओ में हर कैटेगरी के लिए आरक्षित हिस्सा पूरा भर गया था। अब आज की बात करें तो यह इश्यू दो गुना से अधिक भर चुका है। अब ग्रे मार्केट में बात करें तो इसके शेयर आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से 64 रुपये यानी 91.43% की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल्स के आधार पर ही निवेश से जुड़ा फैसला लेना चाहिए। इसके आईपीओ के लिए प्राइस बैंड ₹66-₹70 है।

कैटेगरीवाइज सब्सक्रिप्शन की स्थिति

क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB)- 1.07 गुना

नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII)- 5.59 गुना

 

खुदरा निवेशक- 2.07 गुना

एंप्लॉयीज- 0.52 गुना

शेयरहोल्डर- 3.74 गुना

टोटल- 2.58 गुना

(सोर्स: बीएसई, 10 Sep 2024 | 10:15:00 AM)

Bajaj Housing Finance IPO की डिटेल्स

बजाज फाइनेंस का का ₹6,560.00 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 11 सितंबर तक खुला रहेगा। इसके आईपीओ में ₹66-₹70 के प्राइस बैंड और 214 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकते हैं। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 12 सितंबर को फाइनल होगा। फिर BSE और NSE पर 16 सितंबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार केफिनट टेक है। इस आईपीओ के तहत 3,560.00 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 42,85,71,429 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री होगी। ऑफर फॉर सेल के तहत शेयर इसकी पैरेंट कंपनी बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) बेचेगी। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल बजाज हाउसिंग फाइेंस के कैपिटल बेस को बढ़ाने में होगा।

Bajaj Housing Finance की डिटेल्स

वर्ष 2008 में बनी बजाज हाउसिंग फाइनेंस डिपॉजिट नहीं लेने वाली हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (HFC) है। वर्ष 2015 से यह नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) के पास रजिस्टर्ड है और वित्त वर्ष 2018 से यह मॉर्गेज लोन मुहैया करा रही है। RBI ने इसे भारत में अपर लेयर एनबीएफसी के तौर पर घोषित किया है। आरबीआई के इस स्टेप के चलते ही बजाज हाउसिंग फाइनेंस का आईपीओ आया है क्योंकि RBI के नियमों के मुताबिक अपर लेयर एनबीएफसी बनने के बाद तीन साल के भीतर शेयर लिस्ट होना अनिवार्य है और बजाज फाइनेंस के लिए यह डेडलाइन सितंबर 2025 में खत्म होनी थी।

बजाज ग्रुप की यह कंपनी होम लोन, प्रॉपर्टी गिरवी रखकर लोन (LAP- लोन अगेन्स्ट प्रॉपर्टी), रेंट कंसेसन और डेवलपर फाइनेंस जैसी सर्विसेज देती है। मार्च 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक इसके 3,08,693 एक्टिव कस्टमर थे जिसमें 81.7 फीसदी तो होम लोन वाले थे। देश के 20 राज्यों और 3 यूनियन टेरिटरीज के 174 स्थानों पर 215 ब्रांचेज हैं। इसके छह सेंट्रलाइज्ड रिटेल लोन रिव्यू सेंटर और सात सेंट्रल लोन प्रोसेसिंग सेंटर हैं।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 709.62 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 1,257.8 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 1,731.22 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 42 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 7,617.71 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2024 में इसे 482.61 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 2,208.73 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हो चुका है।

ब्रोकरेज का क्या है रुझान?

स्वास्तिक इनवेस्टमार्ट का कहना है कि इसकी सेल्स और प्रॉफिट ग्रोथ स्थायी रही है और इसकी वित्तीय सेहत काफी मजबूत है। बजाज ग्रुप की मजबूत विरासत से भी इसे अच्छा सपोर्ट है। ब्रोकरेज का मानना है कि यह आईपीओ एकदम सही वैल्यूएशन पर आया है तो ऐसे में ब्रोकरेज ने इसे न सिर्फ लिस्टिंग गेन बल्कि लॉन्ट टर्म निवेश के लिहाज से भी सब्सक्राइब की रेटिंग दी है।

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