Make In India: रक्षा मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की एयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ सुखोई-30MKI एयरक्राफ्ट के लिए 240 एयरो-इंजन की खरीद के वास्ते 26,000 करोड़ रुपये का समझौता किया है। इस कदम को सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत Aatmanirbhar Bharat’ पहल को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है। एयरो-इंजन का निर्माण एचएएल के कोरापुट डिवीजन द्वारा किया जाएगा। उम्मीद है कि यह सुखोई-30 बेड़े की परिचालन क्षमता को बनाए रखने के लिए भारतीय वायु सेना (IAF) की जरूरत को पूरा करेगा।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को बढ़ावा देते हुए, रक्षा मंत्रालय ने सुखोई-30 MKI विमान के लिए 240 AL-31FP एयरो इंजन के वास्ते एचएएल के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए। पीटीआई के मुताबिक बयान में कहा गया है कि यह कॉन्ट्रैक्ट 26 हजार करोड़ रुपये का है।
रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में मंत्रालय और एचएएल के वरिष्ठ अधिकारियों ने कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए। सभी 240 इंजनों की आपूर्ति अगले आठ वर्षों की अवधि में पूरी की जाएगी।
इन इंजनों का निर्माण HAL के कोरापुट डिवीजन द्वारा किया जाएगा। उम्मीद है कि ये Su-30 की परिचालन क्षमता को बनाए रखने के लिए भारतीय वायु सेना (IAF) की ज़रूरतों को पूरा करेंगे। HAL अनुबंधित डिलीवरी शेड्यूल के अनुसार प्रति वर्ष 30 एयरो-इंजन की आपूर्ति करेगा।
HAL देश के रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र से समर्थन लेने की योजना बना रहा है। इसमें MSME और सार्वजनिक और निजी उद्योग शामिल हैं। HAL का लक्ष्य डिलीवरी कार्यक्रम के अंत तक स्वदेशीकरण सामग्री को 54 प्रतिशत तक बढ़ाना है। इससे एयरो-इंजन की मरम्मत और ओवरहाल कार्यों की स्वदेशी सामग्री को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
IAF के Su-30 MKI का 63,000 करोड़ रुपये का अपग्रेड प्रोग्राम भी चल रहा है। जानकारों ने कहा कि AL-31FP इंजन भारतीय वायुसेना की एक प्रमुख एयरक्राफ्ट Su-30MKI बेड़े की परिचालन तत्परता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।