मेटल और माइनिंग सेक्टर की कंपनी वेदांता लिमिटेड की पेरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज पीएलसी (Vedanta Resources) ने विदेशी मुद्रा बॉन्ड के जरिए 1 अरब डॉलर जुटाने के लिए लेंडर्स के साथ बातचीत शुरू कर दी है। यह जानकारी मनीकंट्रोल को मामले की जानकारी रखने वालों से मिली है। पता चला है कि वेदांता समूह 2026 में मैच्योर होने वाले 60 करोड़ डॉलर तक के बॉन्ड्स को रीफाइनेंस करने की तैयारी में है। साथ ही समूह कुछ मौजूदा और नए कारोबारों में इक्विटी निवेश के लिए नया फंड जुटाने की भी योजना बना रहा है।
वेदांता रिसोर्सेज ने हाल के महीनों में भारत में लिस्टेड वेदांता लिमिटेड में हिस्सेदारी बेचकर 2 अरब डॉलर से अधिक जुटाए हैं। हालांकि, इसने अपने स्टील कारोबार को बेचने की योजना को टाल दिया है। मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा, “हिस्सेदारी बिक्री के बाद समूह की लिक्विडिटी पोजीशन में काफी सुधार हुआ है और लेंडर्स को इसे नया कर्ज देने में ज्यादा समस्या नहीं होनी चाहिए।”
पिछले 3 महीनों में कितनी हिस्सेदारी बिक्री और फंड रेजिंग
जुलाई में वेदांता लिमिटेड ने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के माध्यम से 8,500 करोड़ रुपये जुटाए थे। कंपनी ने इसमें से ओकट्री कैपिटल, दॉयचे बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) का कर्ज आंशिक या पूरी तरह चुकाने के लिए 6,375 करोड़ रुपये का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। 25 जून 2024 तक कंपनी पर ओकट्री, दॉयचे बैंक और यूबीआई का 17,470 करोड़ रुपये बकाया था।
जून की शुरुआत में वेदांता समूह की एक एंटिटी फिनसाइडर इंटरनेशनल कंपनी लिमिटेड ने अपने कर्ज को कम करने के लिए 4,184 करोड़ रुपये जुटाने के लिए लगभग 9.8 करोड़ शेयर बेचे। फरवरी में इसी प्रमोटर एंटिटी ने 1,737 करोड़ रुपये जुटाने के लिए एक ब्लॉक डील में लगभग 6.5 करोड़ शेयर बेचे थे। अगस्त में वेदांता लिमिटेड ने ऑफर फॉर सेल के माध्यम से हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के लगभग 6,500 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
वेदांता रिसोर्सेज पर कितना कर्ज
अपनी नई वार्षिक रिपोर्ट में वेदांता ने कहा कि उसकी यूके स्थित प्रमोटर वेदांता रिसोर्सेज अगले तीन वर्षों में अपने कर्ज को 3 अरब डॉलर कम करने की कोशिश करेगी। वित्त वर्ष 2024 तक वेदांता रिसोर्सेज पर 6 अरब डॉलर का कर्ज था।
वेदांता के कारोबार का हो रहा डिमर्जर
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा है कि विभिन्न कारोबारों को अलग करने के प्रस्ताव से कंपनी एसेट मैनेजर से एसेट ओनर बनेगी। वेदांता 15 से अधिक कमोडिटीज में कारोबार करती है। वर्टिकल्स को अलग करने से एल्यूमीनियम, तेल और गैस, बिजली, स्टील और फेरस मैटेरियल्स और बेस मेटल में कारोबार वाली स्वतंत्र कंपनियां क्रिएट होंगी। मौजूदा जिंक और नए इनक्यूबेटेड कारोबार वेदांता लिमिटेड के अंतर्गत बने रहेंगे।
अग्रवाल ने कहा है कि विस्तार के कदम कंपनी के कारोबारी मॉडल में बदलाव लाने की योजना के अनुरूप हैं। 15 से अधिक कमोडिटीज का प्रतिनिधित्व करने वाले हमारे विविध कारोबारों को अलग करने से हम एसेट मैनेजर से एसेट ओनर के रूप में प्रगति करेंगे। जैसे-जैसे कंपनी बदलाव के दौर से गुजर रही है, वेदांता अपने एसेट बेस को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है ताकि वह अपने प्रत्येक वर्टिकल में विश्व में लीडर बन सके। कंपनी के डिमर्जर प्लान को एग्जीक्यूट करने के लिए प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है।