Bajaj Housing Finance: भारत की दूसरी सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी बजाज हाउसिंग फाइनेंस के आईपीओ का ना सिर्फ निवेशकों को बल्कि बाजार पर नजर रखने वाले तमाम लोगों को बेसब्री से इंतजार है। 6560 करोड़ रुपये का यह आईपीओ 9 सितंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने वाला है। कंपनी ने आईपीओ खुलने से पहले एंकर निवेशकों से 1758 करोड़ रुपये पहले ही जुटा लिए हैं। बजाज ग्रुप के चेयरमैन का मानना है कि बजाज हाउसिंग फाइनेंस के पास अगला HDFC बनने की क्षमता है। इसके लिए कंपनी को हर तिमाही में इंडस्ट्री से बेहतर ग्रोथ, बेहतरीन एसेट क्वालिटी और स्थिर मार्जिन्स दिखाने होंगे। चेयरमैन के इस बयान के बाद आईपीओ के खुलने से पहले यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या इस कंपनी में वाकई अगला HDFC बनने का दम है।
Bajaj Housing के पास प्रॉफिटेबिलिटी का हेल्दी ट्रैक रिकॉर्ड
बजाज हाउसिंग फाइनेंस अपने आईपीओ के माध्यम से लगभग 58,500 करोड़ रुपये के वैल्यूएशन का लक्ष्य बना रहा है। इसके पास ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी का एक हेल्दी ट्रैक रिकॉर्ड है। कंपनी ने अब तक बेहद कंपटीटिव मार्केट में भी मजबूत प्रदर्शन किया है। लेंडर की पैरेंट कंपनी बजाज फाइनेंस एक NBFC कंपनी है, जिसकी बैलेंस शीट और वैल्यूएशन कई अच्छे बैंकों से बेहतर है। ऐसे में पूरी संभावना है कि इस आईपीओ को सभी कैटेगरी के निवेशकों की ओर से मजबूत रिस्पॉन्स मिलेगा।
रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार जून 2024 तक बजाज हाउसिंग फाइनेंस के पास 97,100 करोड़ रुपये का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) है, जो पिछले पांच सालों में 29 फीसदी की CAGR से बढ़ा है। बैलेंस शीट ग्रोथ में शाखाओं के मजबूत नेटवर्क, कई डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर्स के साथ साझेदारी, डिजिटल चैनल और पैरेंट कंपनी बजाज फाइनेंस के चैनलों ने मदद की है। इस अवधि में कंपनी का नेट प्रॉफिट 33 फीसदी CAGR से बढ़ा है, जिसका मतलब है कि बजाज हाउसिंग फाइनेंस अपने द्वारा उधार दिए गए हर रुपये पर अधिक लाभ उठा सकता है। इसके शुद्ध ब्याज मार्जिन भी यही संकेत देते हैं।
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बजाज हाउसिंग फाइनेंस के मार्जिन में कमी आई है। इसका क्रेडिट लागत बाकी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की तुलना में कम है। हालांकि इसके वावजूद निकट भविष्य में इसके मार्जिन के बेहतर होने की संभावना कम है। इसका कारण यह है कि कंपनी ने अपनी अधिकतर उधारी कम क्रेडिट-रिस्क वाले ग्राहकों को दी हुई है। इसके अलावा इसकी क्रेडिट लागत पहले ही इंडस्ट्री में सबसे कम है। ऐसे में उसमें और कमी की गुंजाइश कम है। इसका मतलब है कि रिटर्न रेशियो में और विस्तार की संभावना सीमित है।
LIC हाउसिंग फाइनेंस से हो रही है तुलना
शेयर बाजार में बजाज हाउसिंग फाइनेंस की तुलना LIC हाउसिंग फाइनेंस से हो रही है, जो कि साइज में काफी बड़ी है। बजाज हाउसिंग फाइनेंस, एसेट क्वालिटी के मामले में LIC हाउसिंग फाइनेंस से काफी आगे है और इसकी लोन बुक भी बेहतर है। फिर भी, LIC हाउसिंग के स्टॉक की वैल्यूएशन अपने 10 साल के औसत वैल्यूएशन मल्टीपल से डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहा है, जो इसे सस्ता बनाता है।
बजाज हाउसिंग का प्राइस बैंड 66 से 70 रुपये है। अपर प्राइस बैंड पर, इसकी वैल्यूएशन साढ़े 58,000 करोड़ रुपये आती है। इस वैल्यूएशन पर मैक्विरी के एनालिस्ट्स ने इसका प्राइस-टू-बुक मल्टीपल 2.6 गुना बताया है। यह इसे LIC हाउसिंग और PNB हाउसिंग फाइनेंस के शेयर से भी महंगा बना देता है, लेकिन बाकी अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के मुकाबले यह सस्ता है।
बजाज हाउसिंग फाइनेंस की संभावनाएं मजबूत
बजाज हाउसिंग फाइनेंस की भविष्य की संभावनाएं काफी उत्साहजनक हैं। हाउसिंग लोन मार्केट में भी हाल में सुधार देखा गया है, खासतौर से प्राइम सेगमेंट में। कंपनी जिन होम लोन को टारगेट कर रही हैं, उनमें क्रेडिट जोखिम कम है। हालांकि इस सेगमेंट में मुनाफा बढ़ाने के लिए पहले से अधिक एफिशियंसी के साथ काम करना होगा। साथ ही इसे अपनी क्रेडिट लागत पर भी लगातार पकड़ बनाए रखने की जरूरत होगी।
बजाज हाउसिंग का आईपीओ और उसकी वित्तीय सेहत इसे एक बड़ा नाम बनने के लिए तैयार कर रही हैं। हालांकि, यह सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि कंपनी अपने बैलेंस शीट पर कितनी तेजी से ग्रोथ करती है और बाजार में अपनी स्थिति को कैसे मजबूत करती है।