BillDesk और CCAvenue सहित कई पेमेंट कंपनियों को गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) डिमांड नोटिस मिला है। यह नोटिस 2000 रुपये से कम के डिजिटल ट्रांजेक्शन पर मर्चेंट्स से ली गई फीस के चलते मिला है। द इकोनॉमिक टाइम्स ने आज 7 सितंबर को सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी। इस बात की पुष्टि इंफीबीम एवेन्यूज (Infibeam Avenues) के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर विश्वास पटेल ने अखबार से की। पेमेंट प्रोसेसर CCAvenue का संचालन इंफीबीम एवेन्यूज द्वारा किया जाता है। पटेल ने कहा कि फर्म को जीएसटी अधिकारियों से कारण बताओ के साथ डिमांड नोटिस मिला है।
रिपोर्ट में कहा गया कि अधिकारी वित्त वर्ष 2017-18 से टैक्स की मांग कर रहे हैं, जब जीएसटी व्यवस्था लागू की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, विवाद केवल डेबिट, क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग के माध्यम से किए गए पेमेंट पर है, जबकि यूपीआई और रुपे कार्ड के माध्यम से किए गए लेन-देन ऐसे टैक्स से मुक्त हैं।
हालांकि, इंडस्ट्री एग्जीक्यूटिव्स का दावा है कि सरकार ने डिमोनेटाइजेशन के दौरान एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें रिटेल और ऑनलाइन मर्चेंट्स को पेमेंट सपोर्ट प्रदान करने वाले एग्रीगेटर्स से 2000 रुपये तक के ट्रांजेक्शन पर जीएसटी नहीं लगाने को कहा गया था।
यह जीएसटी काउंसिंल की बैठक से दो दिन पहले हुआ है, जिसमें यह स्पष्ट होने की उम्मीद है कि पाइन लैब्स और रेजरपे जैसे पेमेंट एग्रीगेटर्स के माध्यम से किए गए 2000 रुपये से कम के डिजिटल पेमेंट पर 18 फीसदी का जीएसटी लगाया जाना चाहिए या नहीं।
वर्तमान में, पेमेंट एग्रीगेटर्स, जो क्यूआर स्कैनिंग, POS मशीन और नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल पेमेंट देखते हैं, उन्हें 2000 रुपये से कम के लेनदेन पर जीएसटी से छूट दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी काउंसिल रेट फिटमेंट कमेटी की सिफारिश पर अंतिम निर्णय लेगी।