Share Market Crash: शेयर बाजार में आज 6 सितंबर को तेज गिरावट आई। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 900 से अधिक गिरकर 81,260 के स्तर तक चला गया। वहीं निफ्टी करीब 280 अंक लुढ़ककर 24860 के पर पहुंच गया। कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच यह लगातार तीसरा दिन है, जब शेयर बाजार में गिरावट देखी गई। इस गिरावट के चलते निवेशकों को आज करीब सवा 3 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटकर 462.44 लाख करोड़ रुपये पर आ गया, जो एक दिन पहले 465.68 लाख करोड़ था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर निफ्टी के टॉप लूजर्स में शामिल थे। आइए जानते हैं कि शेयर बाजार में इस गिरावट के पीछे क्या प्रमुख कारण रहे-
1. अमेरिकी इकोनॉमी से जुड़ा आंकड़ा
अमेरिका में आज शाम रोजगार से जुड़ा एक अहम डेटा आने वाला है। इस डेटा का असर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों से जुड़े फैसलों पर देखने को मिल सकता है। फेडरल रिजर्व की इसी महीने में बैठक होने वाली है। ऐसे में निवशक इस आंकड़े से पहले सतर्क दिख रहे हैं। इस सतर्कता के पीछे एक कारण यह भी है कि हाल ही में अमेरिकी इकोनॉमी से जुड़े कई आंकड़ों के चलते शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली थी। ऐसे में निवेशक कोई नई पोजिशन लेने से बच रहे हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि इस बात पर आम सहमति है कि फेडरल रिजर्व सितंबर की बैठक में दरों में कटौती करेगा, लेकिन यह कटौती कितनी होगी, यह रोजगार के आंकड़ों पर निर्भर करेगा।
2. ग्लोबल बाजारों में सुस्ती
ग्लोबल शेयर मार्केट में सुस्ती के चलते आज निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर है। अमेरिकी स्टॉक मार्केट के तीनों प्रमुख इंडेक्स बीता रात गिरावट के साथ बंद हुए। एशियाई बाजारों में भी साउथ कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट, जापान का निक्की-225 और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे।
3. हद से अधिक खरीदारी के बाद मुनाफावसूली
शेयर बाजार में गिरावट के पीछे एक मुख्य वजह मुनाफावसूली है। हाल ही में निफ्टी लगातार 14 दिनों तक तेजी के साथ बंद हुआ था। सेंसेक्स में भी 8 दिनों तक लगातार उछाल देखा गया। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सों ने इस दौरान अपने ऑलटाइम हाई को छुआ। मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा कि इतनी लंबी रैली के बाद निफ्टी ‘ओवरबॉट’ जोन में चला गया था और अब इसमें मुनाफावसूली देखने को मिल रही है।
4. महंगा वैल्यूएशन
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार में इस समय ऊंचा वैल्यूएशन देखने को मिल रहा है, खासतौर से मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक रूप से स्मॉल-कैप इंडेक्स में हर 3-4 साल में करेक्शन आता है। हम फिलहाल तेजी के पांचवें साल में हैं। कई शेयरों के वैल्यूएशन को जस्टिफाई करना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में इन शेयरों में करेक्शन के साथ आगे भी मुनाफावसूली जारी रहने की संभावना है।
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