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सुजलॉन एनर्जी की सब्सिडियरी बनी रेनोम एनर्जी सर्विसेज, 400 करोड़ रुपये में 51% हिस्से का अधिग्रहण

सुजलॉन एनर्जी ने रेनोम एनर्जी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (रेनोम) में 51 पर्सेंट इक्विटी शेयर का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। सुजलॉन ने 6 सितंबर को एक्सचेंज फाइलिंग में बताया, ‘इस अधिग्रहण के साथ ही रेनोम कंपनी की सब्सिडियरी बन गई है।’ इससे पहले अगस्त में कंपनी ने कहा था कि वह रेनोम एनर्जी सर्विसेज में 660 करोड़ रुपये में संजय घोड़ावत ग्रुप से 76 पर्सेंट हिस्सेदारी खरीदेगी। यह खरीदारी दो चरणों में पूरी होगी।

कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि पहले चरण में 400 करोड़ रुपये में 51 पर्सेंट हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया था कि 18 महीने के भीतर अतिरिक्त 25 पर्सेंट हिस्सेदारी का अधिग्रहण 260 करोड़ रुपये में किया जाएगा। बयान के मुताबिक, सुजलॉन ग्रुप ने दो चरणों में 76 पर्सेंट हिस्सेदारी खरीदने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

रेनोम देश की सबसे बड़ी मल्टी-ब्रांड ऑपरेशंस एंड मेंटेनेंस सर्विस प्रोवाइडर है। कंपनी के मुताबिक, कंपनी के पास अलग-अलग कस्टमर सेगमेंट यानी विंड में 1,782 मेगावॉट, सोलर में 148 मेगावॉट और BOP में 572 मेगावॉट के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी है। कंपनी के मुताबिक, इस रणनीतिक अधिग्रहण से रेनोम को अपनी संभावनाओं को बेहतर इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी और कंपनी प्रमुख इंडिपेंडेंट सर्विस प्रोवाइडर बन सकेगी।

इस डील से रेनोम को भारत में सुजलॉन एनर्जी से इतर 32 गीगावॉट की विंड एनर्जी एसेट्स को टारगेट करने में मदद मिलेगी।

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