फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर नवंबर 2023 में स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुए थे। यह लिस्टिंग कमजोर हुई थी। तब से शेयरों का प्रदर्शन मार्केट के मुकाबले कमजोर रहा है। कंपनी ने आईपीओ में शेयर 140 रुपये की कीमत पर इश्यू किए थे। अभी शेयर का प्राइस 121 रुपये चल रहा है। FY25 की पहली तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा। सिर्फ एसेट क्वालिटी को लेकर थोड़ा दबाव दिखा। लेकिन, हाल में सीईओ अनिल कोठुरी के इस्तीफे से झटका लगा है।
Fedbank Financial Services का ग्रोथ आउटलुक अच्छा है। मार्जिन स्टेबल है और इसे Federal Bank जैसे मजबूत बैंक का सपोर्ट हासिल है। साथ ही हाई RoA बिजनेस को देखते हुए वैल्यूएशन सही है। कंपनी के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) की ग्रोथ (CAGR) FY16 से FY23 के बीच 47.5 फीसदी रही है। FY24 के अंत में कंपनी का एयूएम 12,192 करोड़ को पार कर गया। यह साल दर साल आधार पर 34 फीसदी ग्रोथ है। FY25 की पहली तिमा्ही में कंपनी के एयूएम की ग्रोथ साल दर साल आधार पर 40 फीसदी रही है। इसमें गोल्ड लोन का बड़ा योगदान है।
यह कंपनी कई तरह की प्रोडक्ट कैटेगरी में मौजूदा है। इनमें इसमें लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (LAP), गोल्ड लोन और अनसेक्योर्ड बिजनेस लोन शामिल है। इसका 86 फीसदी लोन सेक्योर्ड है। इसकी बुक साइज अभी छोटी है, जिससे आगे ग्रोथ की काफी संभावना है। हालांकि, इस मार्केट में प्रतियोगिता ज्यादा है, लेकिन बिजनेस अब असंगठित क्षेत्र से संगठित क्षेत्र में शिफ्ट हो रहा है, जिससे फेडबैंक जैसी कंपनियों के लिए अच्छी संभावनाएं हैं।
फेडबैंक के लोन डिस्बर्समेंट ट्रेंड से पता चलता है कि यह गोल्ड लोन जैसे हाई यील्ड प्रोडक्ट्स पर ज्यादा ध्यान दे रही है। इसमें यील्ड करीब 17.5 फीसदी है। इसने दिसंबर से गोल्ड लोन देना शुरू किया है। यह मार्जिन और रिटर्न रेशियो के लिहाज से फायदेमंद है। छोटे आकार के मॉर्टगेज लोन, अनसेक्योर्ड लोन और गोल्ड लोन ऐसे प्रोडक्ट्स हैं, जिनमें यील्ड ज्यादा है। हालांकि, कंपनी अपने कुल लोन में अनसेक्योर्ड लोन की हिस्सेदारी 15 से ज्यादा नहीं होने देगी।
ज्यादा यील्ड वाले प्रोडक्ट्स के साथ ही क्रेडिट रेटिंग्स अपग्रेड होने से कंपनी के लिए फंड की कॉस्ट अट्रैक्टिव रहने की उम्मीद है। कंपनी के मैनेजमेंट को नेट इंटरेस्ट मार्जिन स्टेबल से लेकर थोड़ इम्प्रूव करने की उम्मीद है। कंपनी ने 89 फीसदी लोन फ्लोटिंग रेट पर दिया है, जिससे इंटरेस्ट रेट में कमी का फायदा इसे मिलेगा। हालांकि, कंपनी के एसेट क्वालिटी में थोड़ी गिरावट देखने को मिली। इसकी वजह ज्यादा गर्मी और लोकसभा चुनाव थे। लेकिन, ऑपरेटिंग इनवायरमेंट बेहतर हो रहा है। इससे क्रेडिट कॉस्ट में कमी आने की उम्मीद है।
फेडबैंक के बिजनेस का नेचर ऐसा है, जिसमें लोन की सर्विसिंग में बैंकों से ज्यादा मुश्किल आती है। इसलिए कॉस्ट-टू-इनकम रेशियो आमतौर बैंकों से ज्यादा होता है। खर्च के मुकाबले इनकम की ग्रोथ ज्यादा रहने से पहली तिमाही में कॉस्ट-टू-इनकम रेशियो कम हुआ है। हालांकि, इसके हाई लेवल पर बने रहने की संभावना है क्योंकि कंपनी नए ब्रांचेज ओपन कर रही है। लंबी अवधि में इस रेशियो में कमी आ सकती है। हालांकि, कंपनी की क्रेडिट ग्रोथ स्ट्रॉन्ग रहने की उम्मीद है। मार्जिन स्टेबल है और क्रेडिट कॉस्ट में कमी आ रही है। ऑपरेटिंग एक्सपेंसेज में भी कमी की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि कंपनी ने आईटी पर पूरा खर्च कर चुकी है। कंपनी बिजनेस वॉल्यूम के हिसाब से ऑपरेशन बढ़ाएगी।