अदाणी ग्रुप अगले 3-4 साल में रिटेल इनवेस्टर्स से 30,000 से 40,000 करोड़ रुपये जुटाएगा। मामले से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि इसका मकसद फंड के स्रोत को डायवर्सिफाई करना और जोखिम घटाना है। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 400 करोड़ करुपये का पहला नॉन-कन्वर्बिटल डिबेंचर (NCDs) लॉन्च किया है। नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर की अवधि 2 से 5 साल तक है और इनकी प्रभावी सालाना यील्ड 9.25% से 9.90% है। यह NCD पहले ही दिन पूरी तरह से सब्सक्राइब हो गया।
एक सूत्र ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, ‘ ग्रुप की योजना अन्य इकाइयों के लिए भी ऐसे ही पब्लिक इश्यू लॉन्च करने की है। इससे ग्रुप को अपने कर्ज को सिर्फ बैंक आधारित से इतर अन्य तरीके से डायवर्सिफाई करने में मदद मिलेगी। फिलहाल ग्रुप के अधिकांश लोन सरकारी और प्राइवेट बैंकों के पास हैं।’
अदाणी ग्रुप की हालिया कॉरपोरेट फाइलिंग के मुताबिक, ग्रुप की अलग-अलग इकाइयों ने बैंक और फाइनेंशियल संस्थानों से कुल 88,100 करोड़ रुपये का लोन ले रखा है। यह लोन लॉन्ग टर्म और वर्किंग कैपिटल की कैटेगरी में है। ग्रुप के लोन का यह आंकड़ा 31 मार्च 2024 तक का है। अदाणी एंटप्राइजेज (Adani Enterprises) ग्रुप के नए बिजनेस के लिए इनक्यूबेटर के तौर पर भी काम करता है।
हालिया इनवेस्टर प्रेजेंटेशन के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 में कंपनी की लॉन्ग टर्म बॉरोइंग 32,590 करोड़ रुपये से बढ़कर 43,718 करोड़ रुपये हो गई। इसी तरह, शॉर्ट टर्म बॉरोइंग 4,244 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,897 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का कुल कर्ज 38,320 करोड़ रुपये से बढ़कर 50,124 करोड़ रुपये हो गया। बहरहाल, कंपनी का कैश, बैंक बैलेंस और मौजूदा निवेश 5,539 करोड़ रुपये से बढ़कर 8,523 करोड़ रुपये हो गया।