Adani Wilmar Share: अडानी ग्रुप की FMCG कंपनी- अडानी विल्मर लिमिटेड के शेयरों में लंबे समय से सुस्ती का माहौल है। इस शेयर में पिछले दो साल के दौरान 45% की गिरावट देखने को मिली है। ऐसे में निवेशक शेयर को लेकर चिंतित हैं। बता दें कि 2 सितंबर 2022 को शेयर 676 रुपये पर बंद हुआ था। हालांकि, अब शेयर की कीमत 372 रुपये पर रह गई है। यह FMCG शेयर पिछले एक साल में 6% बढ़ा है और छह महीने की अवधि में निगेटिव रिटर्न दिया है। अडानी समूह का यह स्टॉक 28 अप्रैल, 2022 को 878.35 रुपये के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया था। वहीं, 20 नवंबर 2023 को यह 52 सप्ताह के निचले स्तर 285.85 रुपये पर था।
शेयर का टारगेट प्राइस
बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक अडानी विल्मर लिमिटेड के शेयर को लेकर ब्रोकरेज डेवेन चोकसी रिसर्च ने टारगेट प्राइस तय किया है। इस शेयर का टारगेट प्राइस 410 रुपये रखा है। ब्रोकरेज ने कहा कि जून तिमाही का राजस्व काफी हद तक उसके अनुमान के अनुरूप था। कंपनी के खाद्य तेल और खाद्य, एफएमसीजी कैटेगरी ने रिकॉर्ड मुनाफा हासिल किया है। मजबूत वॉल्यूम ग्रोथ और क्षमता विस्तार के साथ कंपनी लगातार सफलता, बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अच्छी स्थिति में है। एसएमसी ग्लोबल को स्टॉक में 12% तेजी की उम्मीद है। इसे 422 रुपये के टारगेट के साथ खरीदने की सलाह दी गई है।
कंपनी के बारे में
बता दें कि अडानी विल्मर, अडानी समूह और सिंगापुर के विल्मर समूह के बीच एक ज्वाइंट वेंचर है। दोनों की इस कंपनी में 43.94-43.94 प्रतिशत की बराबर हिस्सेदारी है। शेष 12 प्रतिशत हिस्सेदारी पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास है। यह खाद्य तेल, गेहूं का आटा, चावल, दालें और चीनी के निर्माण में लगी हुई है। कंपनी के पास लोकप्रिय ब्रांड फॉर्च्यून भी है।
अडानी एंटरप्राइजेज से अलग कारोबार
बीते अगस्त महीने में अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने कहा था कि खाद्य उत्पाद से जुड़ी दैनिक उपयोग के सामान बनाने वाली अपनी इकाई अडानी विल्मर को अलग करेगी। इसके साथ ही कंपनी अपना रणनीतिक निवेश अडानी कमोडिटीज एलएलपी के बजाय अडानी विल्मर में खुद करेगी। अडानी विल्मर के निदेशक मंडल ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अडानी विल्मर में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी घटकर 76.76 प्रतिशत रह गई, जो 87.87 प्रतिशत थी।